Thursday, May 9"खबर जो असर करे"

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विवाह भारतीय समाज की मजबूती का आधार

विवाह भारतीय समाज की मजबूती का आधार

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- हृदयनारायण दीक्षित आधुनिक सभ्यता के प्रभाव शुभ नहीं हैं। जीवन के सभी आयामों में आधुनिकता का बुरा प्रभाव पड़ रहा है। परिवार खूबसूरत संस्था है। लेकिन आधुनिकता की चपेट में है। वस्तुतः आधुनिकता प्राचीनता का ही हिस्सा है और उसी का विकास है। भारत प्राचीन सभ्यता है। इस सभ्यता का सतत् विकास हुआ है। आधुनिकता और प्राचीनता को खण्डों में नहीं बांटा जा सकता। प्राचीन सभ्यता से विकसित होकर बनने वाली आधुनिकता स्वागत योग्य है। लेकिन वर्तमान भारत की आधुनिकता में विदेशी सभ्यता की वरीयता है। यह प्राचीन भारतीय सभ्यता, दर्शन और अनुभूति को पिछड़ापन मानती है। उधार की विदेशी आधुनिकता ने राष्ट्रजीवन के सभी क्षेत्रों को कुप्रभावित किया है। ऋग्वेद के रचनाकाल के पहले ही भारत की संस्कृति और सभ्यता का विकास हो चुका था। भारतीय सभ्यता में परिवार आत्मीय संगठन थे। परिवार के सभी सदस्यों के एक साथ रहने और रमने के सूत्र ...
योग…100 दिन, 100 शहर और 100 संगठन

योग…100 दिन, 100 शहर और 100 संगठन

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- मुकुंद देश में अंतरराष्ट्रीय योग दिवस (21 जून) की उलटी गिनती शुरू हो चुकी है। दो मई को भव्य उत्सव 'योग महोत्सव' के दौरान सूरत योग के आनंद से ओत-प्रोत रहा। सूरत के अठवालाइंस के पुलिस परेड ग्राउंड में आयोजित इस कार्यक्रम में लोगों ने बड़ी संख्या में हिस्सा लिया। इस भव्य आयोजन में सात हजार से अधिक लोग सुबह 7.00 बजे से सामान्य योग प्रोटोकॉल (सीवाईपी) के अभ्यास में शामिल हुए। इनके उत्साह और सक्रिय जुड़ाव ने व्यक्तिगत और सामाजिक कल्याण को बढ़ावा देने में योग के बढ़ते महत्व को रेखांकित किया। भारत सरकार के पत्र सूचना कार्यालय ने इस महोत्सव की व्यापक चर्चा की है। इस आयोजन में आयुष मंत्रालय के सचिव वैद्य राजेश कोटेचा, उप महानिदेशक सत्यजीत पॉल, नई दिल्ली के अंतर-विश्वविद्यालय त्वरक केंद्र और बेंगलुरु स्थित अंतर-विश्वविद्यालय केंद्र (योग विज्ञान) के निदेशक प्रो.अविनाश चंद्र पाण्डेय और मोरारजी ...
ग्लोबल वार्मिंग, संभलने की वार्निंग

ग्लोबल वार्मिंग, संभलने की वार्निंग

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- उमाशंकर पाण्डेय मनुष्य का जल-जंगल-जमीन से रिश्ता आदिकाल से है। बिना इनके जीवन की कल्पना नहीं की जा सकती। आज सबसे बड़ा संकट ग्लोबल वार्मिंग का है। इससे सारी दुनिया चिंतित है। ग्लोबल वार्मिंग ने कई तरह की दुश्वारियां पैदा की हैं। पृथ्वी का तापमान बढ़ने (ग्लोबल वार्मिंग) और उसकी वजह से होने वाला जलवायु परिवर्तन आज प्रकृति की तबाही की सबसे महत्वपूर्ण कारक है। पृथ्वी के औसत तापमान में बढ़ोतरी या ग्लोबल वार्मिंग मुख्यतः कार्बन उत्सर्जन की तेजी से बढ़ती दर और कम होते जंगलों का परिणाम है। उत्तर भारत के मैदानी क्षेत्रों में इस साल चली भयंकर लू का मुख्य कारण ग्लोबल वार्मिंग ही है। वैज्ञानिकों का मानना है कि अगर ग्लोबल वार्मिंग नहीं रुकी तो शताब्दी के आखिर तक पृथ्वी का औसत तापमान औद्योगिक क्रांति के पहले के स्तर से 2 डिग्री बढ़ जाएगा और इससे लू की तीव्रता और नियमितता 30 गुना बढ़ जाएगी। दैनिक अनुभ...
आम चुनाव और मुस्लिम तुष्टीकरण का विकृत खेल

आम चुनाव और मुस्लिम तुष्टीकरण का विकृत खेल

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- मृत्युंजय दीक्षित आम चुनाव के मतदान के दो चरण समाप्त हो जाने के बाद सभी राजनीतिक दलों को जनता के मध्य अपनी स्थिति की वास्तविकता का कुछ सीमा तक पता चल गया है। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में लगातार तीसरी बार सत्ता में आने की सम्भावना वाली भारतीय जनता पार्टी को रोकने के लिए विपक्ष ने एक बार फिर मुस्लिम तुष्टीकरण का विकृत खेल खेलना प्रारम्भ कर दिया है। तथाकथित इंडी गठबंधन में शामिल दलों के नेता लगातार भड़काऊ और नफरत भरी बयानबाजी कर रहे हैं, जिसमें अब वोट जिहाद और तालिबान भी आ गया है। दिल्ली के मंडी हाउस इलाके में पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह के साथ आतंकी फंडिंग मामले में सजा काट रहे यासीन मलिक का फोटो लगाया गया है। पोस्टर में यासीन मलिक की रिहाई के साथ कांग्रेस को वोट देने की अपील की गई है। हालांकि जानकारी मिलते ही दिल्ली पुलिस ने यह पोस्टर हटा दिया। आतंकी यासीन मलिक कुख्या...
आखिर इस फर्क को समझना होगा

आखिर इस फर्क को समझना होगा

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- रमेश शर्मा सरबजीत सिंह वो निर्दोष भारतीय नागरिक था, जो नशे की हालत में धोखे से पाकिस्तान की सीमा में चला गया। वहां जेल में कठोर यातनायें देकर कैदियों ने उसकी हत्या कर दी। ...और शव भारत आया तो उसके शरीर के सभी आंतरिक अंग गायब थे। किसी भी सरकार की विदेश नीति और नेतृत्व कैसा होना चाहिए। कहां मानवीय पक्ष को प्राथमिकता हो कहां सख्त तेवर दिखाये जाएं ये दोनों उदाहरण भारत की विभिन्न सरकारों की कार्यशैली में देखने को मिलते हैं। एक उदाहरण निर्दोष नागरिक सरबजीत सिंह का है जो धोखे से पाकिस्तान चला गया। उसे बंदी बनाकर जेल भेज दिया गया जहां तेईस वर्षों तक जेल में कठोर यातनाएं देकर कैदियों ने मार डाला और भारत सरकार केवल विरोध पत्र लिखने के अतिरिक्त कुछ न कर सकी । भारत का ही दूसरा उदाहरण विंग कमांडर अभिनंदन का है, जो एयर स्ट्राइक के लिए विमान लेकर पाकिस्तान सीमा में गए थे। बंदी बनाए गए लेकिन यह भा...
जलवायु परिवर्तन और भारतीय चुनाव

जलवायु परिवर्तन और भारतीय चुनाव

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- कुलभूषण उपमन्यु संयुक्त राष्ट्र संघ की विश्व मौसम विज्ञान संस्था ने एशिया में जलवायु परिवर्तन के प्रभावों पर एक रिपोर्ट गत सप्ताह जारी की है, जिसमें यह बात सामने आई है कि वैश्विक तापमान वृद्धि का प्रभाव एशिया में विश्व औसत से ज्यादा पड़ रहा है। इस क्षेत्र में कई देशों में आज तक का अधिकतम तापमान दर्ज किया गया है, जिसके कारण इस महाद्वीप में 2023 में 90 लाख लोग बाढ़ और तूफान से प्रभावित हुए। दो हजार लोग काल का ग्रास बन गए। जलवायु परिवर्तन ने बाढ़, सूखे और तूफानों की घटनाओं को न केवल बढ़ाया है बल्कि उनकी भयानकता को भी बढ़ाया है, जिसका दुष्प्रभाव वहां के समाज, अर्थ व्यवस्था, और मानव जीवन पर पड़ा है। जलवायु परिवर्तन के मुख्य सूचकों जैसे कि जमीनी तापमान में वृद्धि, ग्लेशियरों का पिघलना, और समुद्र के जलस्तर के बढ़ने से बिगड़ती हुई स्थिति का पता चल रहा है। 1960-1990 के दौर के मुकाबले तापमान वृद्धि...
भारत के ग्रामीण क्षेत्रों में बढ़ती उत्पादों की मांग

भारत के ग्रामीण क्षेत्रों में बढ़ती उत्पादों की मांग

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- प्रहलाद सबनानी भारत में आज भी लगभग 60 प्रतिशत आबादी ग्रामीण क्षेत्रों में निवास करती है एवं अपने जीवन यापन के लिए मुख्य रूप से कृषि क्षेत्र पर ही आश्रित रहती है। पिछले कुछ वर्षों के दौरान केंद्र सरकार एवं राज्य सरकारों द्वारा ग्रामीण क्षेत्रों में लगातार किये जा रहे विकास कार्यों के चलते इन क्षेत्रों में विभिन्न योजनाओं के अंतर्गत व्यय की जाने वाली राशि में अतुलनीय वृद्धि दर्ज हुई है। इससे, ग्रामीण क्षेत्रों में भी रोजगार के नए अवसर निर्मित होने लगे हैं एवं ग्रामीण क्षेत्र से शहरी क्षेत्रों की ओर पलायन कुछ कम हुआ है। विशेष रूप से कोरोना महामारी के खंडकाल में शहरों से ग्रामीण इलाकों की ओर शिफ्ट हुए नागरिकों में से अधिकतर नागरिक अब ग्रामीण क्षेत्रों में ही बस गए हैं एवं अपने विशेष कौशल का लाभ ग्रामीण क्षेत्रों में नागरिकों को प्रदान कर रहे हैं। हाल ही में जारी किए गए कुछ सर्वे प्रतिव...
राहुल गांधी को अमेठी से लड़ना चाहिए चुनाव ?

राहुल गांधी को अमेठी से लड़ना चाहिए चुनाव ?

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- प्रभुनाथ शुक्ल कांग्रेस अमेठी और रायबरेली को लेकर असमंजस में है। अपनी परम्परागत सीट पर अपना उम्मीदवार तय नहीं कर पाई है। अमेठी और रायबरेली को लेकर मंथन जारी है। कहा यह जा रहा है कि यहां पांचवें चरण में वोटिंग होगी इसलिए पर्याप्त समय है। लेकिन सम्भवत: सच यह है कि अभी राहुल गांधी एवं प्रियंका खुद तय नहीं कर पाए हैं कि उन्हें चुनावी मैदान में उतरना है या नहीं। फिलहाल दिखावे के लिए यह फैसला पार्टी अध्यक्ष खड़गे पर छोड़ दिया गया है। कार्यकर्ता चाहते हैं कि राहुल गांधी और प्रियंका रायबरेली और अमेठी से चुनाव लड़ें। कार्यकर्ताओं की मांग जायज भी है, लेकिन पार्टी राहुल और प्रियंका को उम्मीदवार बनाने में डर क्यों रही है, यह समझ से परे है। उन्हें क्या हार का डर भयभीत कर रहा या फिर वे चुनाव लड़ना नहीं चाहते हैं। ऐसा नहीं है तो उन्हें पार्टी का उम्मीदवार घोषित करना चाहिए। कहा जाता है कि कांग्रेस मे...
मोबाइल की आभासी दुनिया में खोता बालमन

मोबाइल की आभासी दुनिया में खोता बालमन

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- डॉ. राजेन्द्र प्रसाद शर्मा सोशल मीडिया पर आए दिन इस तरह की तस्वीर देखने को मिल जाएगी जिसमें ड्राइंग रूम में तो परिवार के लगभग सभी सदस्य बैठे हैं पर उनके बीच किसी तरह के संवाद की बात करना ही बेमानी होगा। सभी अपने-अपने स्थान पर अपने मोबाइल फोन में खोये मिलेंगे। खोये होने का मतलब साफ है कि कोई गेमिंग कर रहा होगा तो कोई इंस्टाग्राम, फेसबुक, व्हाट्स ऐप या इसी तरह के किसी दूसरे ऐप पर व्यस्त होगा। सवाल साफ है कि जो हम देखेंगे उसमें हमें पसंद भी वो ही आएगा जो अधिक ग्लैमरस होगा और यही कारण है कि गेमिंग, चैटिंग या फिर रील्स बनाने देखने में बच्चों से बड़े तक व्यस्त मिलेंगे। इसके साथ ही गेमिंग जहां बच्चों-बड़ों को लालच दिखाकर एक तरह से जुआरी बना रही है वहीं कुछ गेम तो इस कदर हानिकारक रहे हैं कि उन्हें फॉलों करते करते बच्चों को अपने जीवन से हाथ धोना पड़ा है। सोशियल मीडिया, ओटीटी व गेमिंग के साथ ही...