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यात्रा

जन्मदिन: ‘मेरे अंगने में…’ गाने से शोहरत की बुलंदियों पर पहुंचीं थीं अलका याग्निक

जन्मदिन: ‘मेरे अंगने में…’ गाने से शोहरत की बुलंदियों पर पहुंचीं थीं अलका याग्निक

बॉलीवुड, यात्रा
गायिका अलका याग्निक का 20 मार्च 1966 को पश्चिम बंगाल, कोलकाता में जन्म हुआ था। इनकी माता का नाम शुभा याग्निक है और वो एक क्लासिकल सिंगर थीं। अलका गुजराती हिन्दू परिवार से आती हैं। अलका याग्निक एक भारतीय प्रसिद्ध पार्श्वगायिका हैं। ये अपनी गायिकी से सिनेमा में तीन दशकों तक राज किया है और संगीत के क्षेत्र में अपनी गायिकी का लोहा मनवाया है। अलका याग्निक को कई नेशनल अवार्ड और फिल्मफेयर अवार्ड से नवाज़ा जा चुका है। सिनेमा के तीन दशकों तक पुराने करियर में इन्होंने एक से बढ़ कर एक गाने गाये हैं। लता और आशा के बाद अगर किसी का नाम लिया जाता है, तो वो अलका याग्निक हैं। अलका ने अपने करियर के दौरान हिंदी के अलावा उर्दू, गुजराती, अवधी, भोजपुरी, तमिल, तेलुगु और मलयालम भाषा में भी गाने गाये हैं। अलका ने शिल्लोंग के मशहूर बिज़नेसमैन नीरज कपूर के साथ वर्ष 1989 में शादी क...
हिन्दू संस्कृति में चारधामों का है विशेष महत्व, अन्य दर्शनीय स्थलों के भी हैं खास मायने

हिन्दू संस्कृति में चारधामों का है विशेष महत्व, अन्य दर्शनीय स्थलों के भी हैं खास मायने

देश, यात्रा
ऋषिकेश। हिन्दू संस्कृति में चारधाम यात्रा का विशेष महत्व है। उत्तराखंड की विश्वविख्यात चारधाम यात्रा, बद्रीनाथ, केदारनाथ, गंगोत्री और यमुनोत्री के साथ सिखों के पवित्र धाम श्री हेमकुंड की यात्रा का भी अपना अलग ही महत्व है। चारधाम का आगाज 22 अप्रैल से प्रारंभ हो रहा है। केदारनाथ धाम के कपाट 25 अप्रैल को तो बदरीनाथ के 27 अप्रैल को खुलेंगे जबकि परंपरा के अनुसार 22 अप्रैल को अक्षय तृतीया के दिन गंगोत्री और यमुनोत्री धाम के कपाट खुलेंगे। शासन-प्रशासन ने यात्रियों की अतिथि देवो भव की तर्ज पर पूरी तैयारी कर ली है। यात्रा को लेकर मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी विशेष नजर बनाए रखे हुए हैं। यात्रा को सुखद और सरल यात्रा बनाने के लिए मुख्यमंत्री लगातार और समीक्षा बैठक कर आवश्यक निर्देश दे रहे हैं हैं। प्रशासन का मानना है कि पिछले 2 वर्ष में कोरोना के चलते कम हुई यात्रियों की संख्या...
ईएमआई पर मिलने लगा हापुस आम, व्यापारी ने पेटीएम से किया अनुबंध

ईएमआई पर मिलने लगा हापुस आम, व्यापारी ने पेटीएम से किया अनुबंध

यात्रा
पुणे। देश में ऐसा पहली बार हो रहा है जब फलों का राजा आम की बेहद खास नस्ल हापुस को बेचने के लिए पुणे के एक व्यापारी ने अपने ग्राहकों को ईएमआई पर हापुस आम की पेटियां बेचने का अनूठा तरीका निकाला है। हापुस आम महंगा होने की वजह से आम आदमी इसे खरीदने से बचता है, ऐसे में इस व्यापारी ने आम बेचने के लिए ईएमआई का आइडिया निकाला है। देश में इस तरह का पहला प्रयोग करने वाले गौरव सनस ने इसके लिए पेटीएम से अनुबंध किया है। चॉकलेट और पटाखे बेचने वाले इस व्यापारी से कुछ ग्राहकों ने तीस-तीस हजार रुपये के आम खरीदे। इन्हें अब एक वर्ष तक पच्चीस सौ रुपये प्रतिमाह ईएमआई के जरिए गौरव सनस की फर्म गुरु कृपा ट्रेडर्स में जमा कराना होगा। गौरव बताते हैं कि लोग ईएमआई पर मोबाइल फोन खरीदते हैं, इस तरीके से महंगी वस्तुएं हर कोई आसानी से खरीद पाता है। अब अगर कोई व्यक्ति उससे 5 हजार का आम खरीदता ...
आंध्र प्रदेश की चुनावी बयार में गुजरात के झींगा उत्पादक किसानों की उम्मीदों पर पानी

आंध्र प्रदेश की चुनावी बयार में गुजरात के झींगा उत्पादक किसानों की उम्मीदों पर पानी

अवर्गीकृत, यात्रा
अहमदाबाद। गुजरात के झींगा उत्पादक किसानों पर एक के बाद दूसरी मुसीबत आने लगी है। कोरोना महामारी के बाद किसी तरह खड़े हुए कारोबार पर एक बार फिर मार पड़ी है। आंध्र प्रदेश में अगले साल के मध्य तक विधानसभा का चुनाव होना है और सरकार ने वहां झींगा उत्पादक किसानों के लिए बिजली दर 4 रुपए से घटा कर डेढ़ रुपए कर दिया है। इससे चिंतित गुजरात के झींगा उत्पादक किसानों ने भी गुजरात सरकार से बिजली दर 8 रुपए प्रति यूनिट से घटा कर 3 से 4 रुपए करने की मांग की है। झींगा उत्पादकों ने फिशरीज विभाग के अधिकारियों को इस संबंध में पत्र लिखकर अपनी व्यथा बताई है। झींगा उत्पादन से लेकर निर्यात में अग्रणी गुजरात के झींगा उत्पादक किसानों की चिंता बढ़ गई है। महंगा बीज, आहार के साथ महंगी बिजली के जरिए खारी भूमि में झींगा उत्पादकों के लिए अब स्पर्धा में बने रहना चुनौतीपूर्ण है। झींगा उत्पादन में गुजरात को ...
गोरखपुर के जानीपुर निवासी इंद्रप्रकाश प्राकृतिक खेती से कर रहे अच्छी कमाई

गोरखपुर के जानीपुर निवासी इंद्रप्रकाश प्राकृतिक खेती से कर रहे अच्छी कमाई

तकनीकी, यात्रा
गोरखपुर। उत्तर प्रदेश के गोरखपुर जिले के एक छोटे से कस्बे जानीपुर के रहने वाले इंद्रप्रकाश ने खेतीबाड़ी कर अनेक पुरस्कार लिये हैं। खेती की फसलों को प्राकृतिक ढंग से कीट नियंत्रण करने वाले इंद्रप्रकाश न सिर्फ रसायनों का प्रयोग कम कर रहे हैं बल्कि पोषक तत्वों से भरपूर शाक-सब्जी उगाकर अच्छी कमाई भी कर रहे हैं। वे अपनी उपज को अच्छा से और अच्छा होने के पीछे सरकारी मदद को श्रेय दे रहे हैं और कहते हैं कि सरकार की मदद नहीं मिली होती तो गर्मी में फसल लेना मुश्किल होता। इंद्रप्रकाश ने वर्ष 1988 में वाराणसी के यूपी कॉलेज से एग्रीकल्चर में एमएससी एजी (हॉर्टिकल्चर) की और हर युवा की तरह आर्थिक उन्नति के सपने देखने लगे, लेकिन जब कहीं सफलता नहीं मिली तब इंद्रप्रकाश ने वर्ष 2008 में पारिवारिक मजबूरी में खेतीबाड़ी शुरू की। खानदानी परिवार से ताल्लुक रखने वाले इंद्रप्रकाश अब खेती से ही दूर-...
राजगढ़ः परमानंदजी महाराज का आगमन बुधवार को, आध्यात्मिक प्रवचन का होगा आयोजन

राजगढ़ः परमानंदजी महाराज का आगमन बुधवार को, आध्यात्मिक प्रवचन का होगा आयोजन

यात्रा
राजगढ़,19 जुलाई (एजेंसी)। युग पुरूष परमानंदजी महाराज का बुधवार को ब्यावरा नगर में आगमन हो रहा है। वह भोपाल बाइपास स्थित अखंड परमधाम आश्रम पर गुरुवार को गुरूपूर्णिमा उत्सव में शािमल होकर भक्तों को गुरूदीक्षा और आध्यात्मिक प्रवचनों के द्वारा ज्ञान की वर्षा करेंगे। कार्यक्रम की जानकारी देते हुए समिति सदस्य डाॅ. केसी.मिश्रा ने बताया कि युगपुरूष एवं अग्निपीठाधीश्वर परमानंद जी महाराज का आगमन 20 जुलाई सायंकाल को नगर ब्यावरा में गुना तरफ से होने जा रहा है। वह गुरुवार सुबह भक्तों को प्रवचन व गुरूदीक्षा देंगे। परमानंदजी का आध्यात्मिक कार्यक्रम अखंड परमधाम आश्रम भोपाल बाइपास पर आयोजित किया जा रहा है,जिसमें सुबह-शाम महाराज आध्यात्मिक प्रवचनों से भक्तों पर ज्ञान की वर्षा करेगें।युगपुरूष परमानंदजी की अगवानी कमला लॉज से होगी,समीति सदस्यों ने अनुरोध किया है कि जिसमें अधिक से अधिक संख्या में भक्त शाम...
पांडवों ने मंदिर के गर्भ गृह में स्थापित किया था शिवलिंग

पांडवों ने मंदिर के गर्भ गृह में स्थापित किया था शिवलिंग

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मान्यता: अज्ञातवास के दौरान पांडवों यहां गुजारी थी एक रात अनूपपुर, 16 जुलाई (एजेंसी)। भगवान शिव की आराधना का पावन मास सावन गुरुवार से शुरू हो गया। सावन कृषि के साथ-साथ धार्मिक आयोजनों के लिए मुख्य मास माना गया है। भगवान भोले से जुड़ी अनूपपुर की मिट्टी भी उनके सत्कार में खड़ी है। द्वापर युग में पांडवों के अज्ञातवास के रूप में जिले के भालूमाड़ा स्थित शिवलहरा की गुफाएं प्रसिद्ध हैं। अज्ञातवास से पूर्व अनूपपुर पहुंचे पांडवों ने अनूपपुर नगरीय क्षेत्र में एक रात गुजारी थी। जिसमें पांडवों के हाथों बनाया गया शिव मारुति मंदिर अद्वितीय स्थापत्य वास्तुकला के रूप में आज भी प्रसिद्ध है। मान्यता है कि मंदिर के गर्भगृह में शिवलिंग की स्थापना पांडवों ने अपने हाथों से की थी। मंदिर में हनुमान की भी प्रतिमा विराजित है, इसलिए मंदिर का नाम शिव- मारुति मंदिर पड़ गया है। जानकारों के अनुसार अज्ञातवास के दौर...
अपने पौराणिक महत्ता के लिए विख्यात है सीवान का सोहगरा शिव मंदिर

अपने पौराणिक महत्ता के लिए विख्यात है सीवान का सोहगरा शिव मंदिर

यात्रा
सीवान, 16 जुलाई (एजेंसी)।बिहार और उत्तर प्रदेश के सीमावर्ती , सीवान जिले के गुठनी थाना क्षेत्र के सोहगरा में द्वापर युग में दैत्य राजा वाणासुर द्वारा बनवाया गया प्राचीन ऐतिहासिक और पौराणिक तीर्थस्थलों मे सर्वश्रेष्ठ नवो नाथ महादेव में शामिल बाबा हंसनाथ का शिव मंदिर है। मान्यता के अनुसार, वाणासुर ने अपनी बेटी उषा के लिए इस मंदिर का निर्माण कराया था। उषा इसी मंदिर में पूजा-अर्चना करती थीं। यहां प्रतिवर्ष सावन में भारत के विभिन्न प्रांतों से लाखों श्रद्धालु पूजा-अर्चना करने आते हैं और बाबा हंसनाथ के शिवलिंग पर जलाभिषेक कर अपना जीवन धन्य करते हैं। उल्लेखनीय हो कि शिव महापुराण में सोहगरा के बारे मे विस्तृत वर्णन मिलता है। जानकार बताते हैं कि द्वापर युग मे वाणासुर नाम का एक प्रतापी राजा शोणितपुर सोहनपुर, उत्तरप्रदेश में रहा करता था। वह शिवभक्त था तथा पूजा करने के लिए उसने इस विशाल ...
देवघर के हवाई मार्ग से जुड़ने से बहुरेंगे संथाल के पर्यटक स्थलों के दिन

देवघर के हवाई मार्ग से जुड़ने से बहुरेंगे संथाल के पर्यटक स्थलों के दिन

यात्रा
देवघर , 16 जुलाई (एजेंसी)। देश के बारह ज्योतिर्लिंगों में से एक बाबा बैद्यनाथ की पावन धरती देवघर के हवाई मार्ग से जुड़ने के साथ ही समस्त संथाल परगना के औद्योगिक विकास के साथ ही पर्यटन विकास की अपार संभावनाएं भी जुड़ गई हैं। वास्तव में हरिताभ वन संपदाओं से सुसज्जित संथाल परगना के पर्यटक स्थलों की बात की जाय तो यहां अनगिनत ऐसे स्थल हैं, जिसके विकास के साथ ही बड़ी संख्या में देशी-विदेशी पर्यटकों के आगमन होगा जो यहां के नैसर्गिक पर्यटक स्थलों के मोहपाश में इस तरह बंध जाएंगे कि वे यहां बार-बार आने का लोभ संवरण नहीं कर पाएंगे।संथाल परगना में स्थित पर्यटक स्थलों की बात करें तो यहां ऐसे कई धार्मिक और पर्यटक स्थल हैं ,जहां श्रद्धालुओं और पर्यटकों की तादाद में इजाफा होनेवाला है। जानते हैं यहां के पर्यटक स्थलों के बारे में जहां अब पर्यटकों की संख्या में इजाफा होनेवाला है। बासुकीनाथ धाम : बाबा बैद्यना...