Friday, May 10"खबर जो असर करे"

Tag: Ram

मोदी की रैली में जयंत के साथ रहेंगे ‘राम’

मोदी की रैली में जयंत के साथ रहेंगे ‘राम’

अवर्गीकृत
- डॉ. प्रभात ओझा प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी लोकसभा चुनाव के पहले चरण में अपने प्रचार अभियान की शुरुआत मेरठ से करने जा रहे हैं। पहले ही ध्यान रखना होगा कि मोदी ने 2019 में और उसके पहले 2014 में भी इसी धरती पर पहली चुनावी रैली को संबोधित किया था। पिछली बार यह रैली 28 मार्च को हुई थी, तो इस बार 30 को होने जा रही है। पिछले चुनाव के पहले चरण में इस जाटलैंड में जिन आठ सीटों पर मतदान हुआ था, उनमें से भाजपा को छह सीटें हासिल हुई थीं। बहुजन समाज पार्टी ने बिजनौर और सहारनपुर, दो लोकसभा क्षेत्र अपने नाम किया था। तब बसपा और सपा के बीच बुआ-भतीजे की जोड़ी कारगर हुई थी। इन दोनों दलों ने राष्ट्रीय लोकदल को भी समर्थन दिया था किंतु प्रमुख जाट नेता चौधरी अजीत सिंह और उनके पुत्र जयंत चौधरी हार गए थे। दोनों पिता-पुत्र मजफ्फरनगर और बागपत से उम्मीदवार थे। चौधरी अजीत सिंह अब नहीं हैं और जयंत चौधरी ने तब से कई ...
आमजन के राम

आमजन के राम

अवर्गीकृत
- के. विक्रम राव राम की कहानी युगों से भारत को संवारने में उत्प्रेरक रही है। इसीलिए राष्ट्र के समक्ष सुरसा के जबड़ों की भांति फैले हुए सद्य संकटों की रामकहानी समझना और उनका मोचन इसी से मुमकिन है। शर्त यही है राम में रमना होगा, क्योंकि वे ''जन रंजन भंज न सोक भयं'' हैं। बापू का अनुभव था कि जीवन के अंधेरे और निराश क्षणों में रामचरित मानस में उन्हें सुकून मिलता था। राम मनोहर लोहिया ने कहा था कि ''राम का असर करोड़ों के दिमाग पर इसलिये नहीं है कि वे धर्म से जुड़े हैं, बल्कि इसलिए कि जिन्दगी के हरेक पहलू और हरेक कामकाज के सिलसिले में मिसाल की तरह राम आते हैं। आदमी तब उसी मिसाल के अनुसार अपने कदम उठाने लग जाता है।'' इन्हीं मिसालों से भरी राम की किताब को एक बार विनोबा भावे ने सिवनी जेल में ब्रिटेन में शिक्षित सत्याग्रही जेसी कुमारप्पा को दिया और कहा, ''दिस रामचरित मानस ईज बाइबल ऐंड शेक्सपियर कम्...
मोदी युग में राम-रीति से भारत का नवनिर्माण

मोदी युग में राम-रीति से भारत का नवनिर्माण

अवर्गीकृत
- विष्णुदत्त शर्मा बचपन से ही घर के बड़े-बुजुर्गों से प्रभु श्री राम की कीर्ति, शौर्य और प्रभुता की बातें सुनता रहता था। युवा अवस्था के प्रारंभ में बताया गया कि आक्रांताओं ने अयोध्या में आक्रमण करके भगवान श्रीराम जन्मभूमि स्थान पर बने मंदिर को बर्बरतापूर्वक तोड़कर मस्जिद का विवादित ढांचा बनाया गया था। यह बात सुनने के बाद से ही मन उद्वलित रहने लगा कि हमारे आराध्य और रोम-रोम में बसने वाले भगवान श्रीराम के जन्मस्थान पर हुआ आक्रमण सनातन और हमारी आस्था पर आक्रमण था। इसके बाद से ही राष्ट्रीयता की विचारधारा से प्रेरित होकर कॉलेज में पहुंचते ही अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद (एबीवीपी) से जुड़ने का सौभाग्य प्राप्त हुआ। अध्ययन के साथ ही श्रीराम जन्मभूमि का मुद्दा पूरी तरह से समझा। उसके उपरांत वर्ष 1992 में एबीवीपी के राष्ट्रीय अधिवेशन में शामिल होने कानपुर पहुंचा तो मुझे भी कारसेवा करने का सुअवसर प्रा...
नाम राम और रोहित, फिर भी ईसाई, यह भारत में ही हो सकता है भाई!

नाम राम और रोहित, फिर भी ईसाई, यह भारत में ही हो सकता है भाई!

अवर्गीकृत
- डॉ. मयंक चतुर्वेदी देशभर से लगातार कुछ इस तरह के समाचार प्रतिदिन आ रहे हैं कि कैसे प्रार्थना के नाम पर मतांतरण का खेल भारत के अलग-अलग राज्यों में खेला जा रहा है। स्वाधीनता के पूर्व ऐसे समाचार आना हो सकता है स्वभाविक हों, क्योंकि कोई भी केंद्रीय राज सत्ता नहीं थी, किंतु क्या देश में स्वतंत्रता के बाद भी ऐसे दृश्य उभरने चाहिए ? यह आज का बड़ा प्रश्न है। झारखंड के रांची में सुखदेव नगर इलाके में मतांतरण के आरोप में पुलिस ने पांच महिलाओं को हिरासत में लिया है। छत्तीसगढ़ के धमतरी में प्रार्थना सभा के विरोध में ग्रामीण पुलिस से मांग करते हैं कि गांव में बाहरी लोगों के प्रवेश पर प्रतिबंध लगाया जाए, ताकि गांव में प्रार्थना सभा न हो। क्योंकि बाहरी लोग ग्रामीणों को रुपये का लालच देकर मतांतरण कराने की कोशिश कर रहे हैं। मध्य प्रदेश के खंडवा में ''नाम राम और धर्म क्रिश्चियन कैसे इसकी हो जांच'' शीर्षक...