Friday, May 10"खबर जो असर करे"

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भारत के ग्रामीण क्षेत्रों में बढ़ती उत्पादों की मांग

भारत के ग्रामीण क्षेत्रों में बढ़ती उत्पादों की मांग

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- प्रहलाद सबनानी भारत में आज भी लगभग 60 प्रतिशत आबादी ग्रामीण क्षेत्रों में निवास करती है एवं अपने जीवन यापन के लिए मुख्य रूप से कृषि क्षेत्र पर ही आश्रित रहती है। पिछले कुछ वर्षों के दौरान केंद्र सरकार एवं राज्य सरकारों द्वारा ग्रामीण क्षेत्रों में लगातार किये जा रहे विकास कार्यों के चलते इन क्षेत्रों में विभिन्न योजनाओं के अंतर्गत व्यय की जाने वाली राशि में अतुलनीय वृद्धि दर्ज हुई है। इससे, ग्रामीण क्षेत्रों में भी रोजगार के नए अवसर निर्मित होने लगे हैं एवं ग्रामीण क्षेत्र से शहरी क्षेत्रों की ओर पलायन कुछ कम हुआ है। विशेष रूप से कोरोना महामारी के खंडकाल में शहरों से ग्रामीण इलाकों की ओर शिफ्ट हुए नागरिकों में से अधिकतर नागरिक अब ग्रामीण क्षेत्रों में ही बस गए हैं एवं अपने विशेष कौशल का लाभ ग्रामीण क्षेत्रों में नागरिकों को प्रदान कर रहे हैं। हाल ही में जारी किए गए कुछ सर्वे प्रतिव...
दुनियाभर में बढ़ रही है गरीबों की संख्या

दुनियाभर में बढ़ रही है गरीबों की संख्या

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- योगेश कुमार गोयल सामाजिक असमानता की खाई निरंतर बढ़ रही है। जिससे आम आदमी की आय में बेहद कम बढ़ोतरी हो रही है जबकि अमीर वर्ग की सम्पत्ति कई गुना बढ़ी है। न केवल भारत बल्कि दुनिया के कई देशों में आर्थिक असमानता की खाई लगातार चौड़ी हो रही है। गरीबी उन्मूलन के लिए कार्यरत गैर सरकारी संगठन ‘ऑक्सफैम इंटरनेशनल’ ने पिछले महीने विश्व आर्थिक मंच की बैठक में आर्थिक असमानता पर अपनी वार्षिक रिपोर्ट जारी करते हुए बताया था कि पिछले कुछ वर्षों के दौरान अमीरी और गरीबी की खाई पूरी दुनिया में तेजी से बढ़ी है। ऑक्सफैम की रिपोर्ट में कई चिंताजनक बातें उभर कर सामने आई थी। रिपोर्ट में कहा गया था कि आर्थिक असमानता के दृष्टिगत पिछले कुछ वर्ष बहुत खराब साबित हुए हैं और विगत चार वर्षों के दौरान कोरोना महामारी, युद्ध और महंगाई जैसे पैमानों ने विश्वभर में अरबों लोगों को गरीब बनाया है। 2020 के बाद से अब तक दुनिया मे...
फिर बढ़ रही कोरोना की तेज रफ्तार

फिर बढ़ रही कोरोना की तेज रफ्तार

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- ऋतुपर्ण दवे देश में एक बार फिर कोरोना दस्तक दे चुका है? लेकिन सच यही है कि कोरोना आने के बाद से ही कभी गया ही नहीं? हां, पाबंदियां हटती गईं और दबा संक्रमण धीरे-धीरे पसरता रहा और हम सब बेफिक्र रहे। देश हो या प्रदेश, जिले हों या नगर या गांव हों या पंचायतें लोग इतनी जल्दी उस दर्दनाक मंजर को भूल भी गए जो हफ्ते, महीने दिन नहीं पूरे दो साल तक दुनिया में तबाही मचाता रहा! वो वाकये भी याद नहीं रहे जो जिन्दगी भर का दर्द दे गए? शायद इसी गलती, चूक या लापरवाही का नतीजा है, जो कोरोना की डरावनी रफ्तार फिर उसी अंदाज में बेखौफ बढ़ती जा रही है।कोविड-19 द्वारा लोगों की जान को लीलना कभी थमा नहीं था। हां, कम या बीच में कुछ वक्त ब्रेक लगने का भ्रम जरूर था। अब दिसंबर आखिरी हफ्ते में आई तेजी ने जनवरी 2020 की याद दिला दी। अभी गंभीर संक्रमण या अस्पताल में भर्ती होने के मामले ज्यादा नहीं होने के कारण लोग हल्...
जरूरी है ऊर्जा संरक्षण के प्रति जागरुकता

जरूरी है ऊर्जा संरक्षण के प्रति जागरुकता

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- योगेश कुमार गोयल ऊर्जा मंत्रालय से संबद्ध ऊर्जा दक्षता ब्यूरो हर साल 14 दिसंबर को ऊर्जा दक्षता तथा संरक्षण में देश की उपलब्धियों को प्रदर्शित करने के लिए 'राष्ट्रीय ऊर्जा संरक्षण दिवस' का आयोजन करता है। ब्यूरो ने वर्ष 2001 में देश में ऊर्जा संरक्षण अधिनियम लागू किया था। दरअसल दुनियाभर में पिछले कुछ दशकों में जनसंख्या तेजी से बढ़ी है और उसी के अनुरूप ऊर्जा की खपत भी निरन्तर बढ़ रही है। दूसरी ओर जिस तेजी से ऊर्जा की मांग बढ़ रही है, उससे भविष्य में परम्परागत ऊर्जा संसाधनों के नष्ट होने की आशंका बढ़ने लगी है। अगर ऐसा होता है तो मानव सभ्यता के अस्तित्व पर ही प्रश्नचिह्न लग जाएगा। यही कारण है कि भविष्य में उपयोग हेतु ऊर्जा के स्रोतों को बचाने के लिए विश्वभर में ऊर्जा संरक्षण की ओर विशेष ध्यान देते हुए इसके प्रतिस्थापन के लिए अन्य संसाधनों को विकसित करने की जिम्मेदारी बढ़ गई है। ऊर्जा के...
भारतीय नौसेना दिवस: लगातार बढ़ रही है भारतीय नौसेना की ताकत

भारतीय नौसेना दिवस: लगातार बढ़ रही है भारतीय नौसेना की ताकत

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- योगेश कुमार गोयल प्रतिवर्ष 04 दिसंबर को भारतीय नौसेना के जांबाजों को याद करते हुए भारतीय नौसेना दिवस मनाया जाता है। यह दिवस 1971 के भारत-पाकिस्तान युद्ध में भारतीय नौसेना की शानदार जीत के जश्न के रूप में मनाया जाता है। दरअसल 03 दिसंबर 1971 को पाकिस्तान की सेना ने हमारे हवाई और सीमावर्ती क्षेत्र में हमला कर दिया था। दुष्ट पाकिस्तान को उस हमले का मुंहतोड़ जवाब देने के लिए पाकिस्तान की नौसेना के कराची स्थित मुख्यालय को निशाने पर लेकर ‘ऑपरेशन ट्राइडेंट’ चलाया गया था और भारतीय नौसेना की मिसाइल नाव तथा दो युद्धपोतों के आक्रमणकारी समूह ने कराची के तट पर जहाजों के समूह पर हमला कर दिया था। हमले में पाकिस्तान के कई जहाज और ऑयल टैंकर तबाह कर दिए गए थे। भारतीय नौसेना का वह हमला इतना आक्रामक था कि कराची बंदरगाह पूरी तरह बर्बाद हो गया था और कराची तेल डिपो पूरे सात दिनों तक धू-धूकर जलता रहा था। त...
मप्र में बहनें हो रहीं आत्म-निर्भर, परिवार-समाज में बढ़ रहा उनका सम्मान : शिवराज

मप्र में बहनें हो रहीं आत्म-निर्भर, परिवार-समाज में बढ़ रहा उनका सम्मान : शिवराज

देश, मध्य प्रदेश
-लाडली बहना सम्मेलन में शामिल हुए मुख्यमंत्री, 90 करोड़ के विकास कार्यों का किया लोकार्पण-भूमि-पूजन भोपाल (Bhopal)। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि मध्यप्रदेश में एक सामाजिक क्रांति हो रही है, जिसमें बहनें आत्म-निर्भर हो रही हैं और उनका परिवार और समाज में सम्मान बढ़ रहा है। आजीविका मिशन में जहां स्व-सहायता समूह के रूप में संगठित महिलाओं को विभिन्न आर्थिक गतिविधियों के लिए सरकार सहायता दे रही है, वहीं लाडली बहना जैसी योजना से उन्हें आगामी 10 जून से प्रतिमाह 1000 रुपये की राशि दी जाएगी। लाडली लक्ष्मी योजना में अभी तक प्रदेश की 44 लाख 90 हजार बेटियों को लखपति बनाया है। मुख्यमंत्री चौहान गुरुवार को देवास जिले के सोनकच्छ में लाडली बहना सम्मेलन को संबोधित कर रहे थे। उन्होंने लगभग 90 करोड़ रुपये की लागत के विकास कार्यों का लोकार्पण/भूमि-पूजन किया। साथ ही मुख्यमंत्री आवासीय भू-अधिकार योज...
दुनिया में बढ़ती अमीरी-गरीबी की खाई

दुनिया में बढ़ती अमीरी-गरीबी की खाई

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- योगेश कुमार गोयल दुनियाभर में अमीरी और गरीबी के बीच खाई निरन्तर बढ़ती जा रही है। कोरोना काल में इसमें ज्यादा इजाफा देखा गया। इसी बढ़ती खाई को लेकर पूरी दुनिया में नई बहस छिड़ी है। गरीबी उन्मूलन के लिए कार्यरत संस्था ऑक्सफैम इंटरनेशनल की वर्ल्ड इकोनॉमिक फोरम की बैठक से ठीक पहले आई रिपोर्ट ‘सर्वाइवल ऑफ द रिचेस्ट: द इंडिया स्टोरी’ में इसे लेकर कई चौंका देने वाले खुलासे किए गए हैं। इस रिपोर्ट के मुताबिक भारत के 21 सबसे अमीर अरबपतियों के पास इस समय देश के 70 करोड़ लोगों से भी ज्यादा दौलत है और वर्ष 2021 में भारत की कुल संपत्ति में से 62 फीसदी हिस्से पर देश के केवल 5 प्रतिशत लोगों का ही कब्जा था जबकि भारत की निचले तबके की बहुत बड़ी आबादी का देश की केवल तीन फीसदी सम्पत्ति पर ही कब्जा रहा। इस रिपोर्ट के मुताबिक भारत में 2020 में अरबपतियों की संख्या 102 थी, जो 2022 में 166 पर पहुंच गई पिछले साल नवम्...