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द्रौपदी मुर्मू’’ क्या भारतीयों की राष्ट्रपति बन रही है या सिर्फ ‘‘आदिवासियों’’ की?

द्रौपदी मुर्मू’’ क्या भारतीयों की राष्ट्रपति बन रही है या सिर्फ ‘‘आदिवासियों’’ की?

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- राजीव खंडेलवाल ’’द्रौपदी मुर्मू’’के भारत की अगली राष्ट्रपति चुने जाने की संभावना को देखते हुए उन्हें हार्दिक अग्रिम बधाइयां। चूंकि वे देश की सर्वोच्च संवैधानिक पद ‘राष्ट्रपति’ के लिये चुनी जा रही है। अतः एक नागरिक का यह अधिकार व कर्तव्य है कि वे बधाई दे, शुभकामनाएं दे, व उनके उज्जवल भविष्य की कामना करें। ‘‘राष्ट्रपति’’ के रूप में अगले पांच सालों में वे देश का सफल नेतृत्व कर विश्व धरातल पर देश का नाम रोशन कर और ऊंचाइयों पर ले जाएं, इन्ही सब शुभकामनाओं के साथ पुनः बधाइयां। देश का एक नागरिक होने के नाते मैं भी उन्हें बधाई देता हूं। इसलिए नहीं कि वे देश की प्रथम आदिवासी राज्यपाल होकर, अब देश की प्रथम आदिवासी राष्ट्रपति होने जा रही है। बल्कि सामान्य पृष्ठभूमि से निकल कर वे देश के सर्वोच्च पद पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के समान पहुंची है। इसके लिए वे एक मूल भारतीय होने के नाते बधाई की पात्र...
मर्यादा अनुरूप द्रोपदी मुर्मू का प्रचार

मर्यादा अनुरूप द्रोपदी मुर्मू का प्रचार

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- डॉ. दिलीप अग्निहोत्री राष्ट्रपति देश का संवैधानिक प्रमुख होता है। संघीय कार्यपालिका शक्तियों का संचलन प्रधानमंत्री के नेतृत्व में होता है। भारत में संसदीय शासन प्रणाली है। मंत्रिमंडल की सिफारिश और संसद द्वारा पारित विधेयक पर राष्ट्रपति हस्ताक्षर करते हैं। इसके बाद ही कानून बनता है। मूल संविधान में केवल यह उल्लेख था कि राष्ट्रपति मंत्रिमंडल की सलाह से कार्य करेंगे। इसका मतलब था कि राष्ट्रपति मंत्रिमंडल की सिफारिश और विधेयक को स्वीकार या अस्वीकार कर सकते हैं। इंदिरा गांधी के कार्यकाल में संशोधन किया गया। इसके माध्यम से मंत्रिमंडल की सिफारिश को स्वीकार करना बाध्यकारी बनाया गया। जनता पार्टी सरकार के समय इसमें पुनः संशोधन किया गया। इसके अनुसार राष्ट्रपति मंत्रिमंडल की सिफारिश को पुनर्विचार के लिए एक बार वापस कर सकते हैं। दोबारा वह सिफारिश या प्रस्ताव के अनुरूप ही कार्य करेंगे। मतलब राष्ट्रप...
पीएम मोदी का चला मास्टरस्ट्रोक, जिनसे नहीं थी उम्मीद, द्रौपदी मुर्मू को उनका भी मिला समर्थन

पीएम मोदी का चला मास्टरस्ट्रोक, जिनसे नहीं थी उम्मीद, द्रौपदी मुर्मू को उनका भी मिला समर्थन

देश
नई दिल्ली । राष्ट्रपति चुनाव (presidential election) में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Prime Minister Narendra Modi) के मास्टरस्ट्रोक ने विपक्षी दलों (opposition parties) को चित कर दिया है। द्रौपदी मुर्मू (Draupadi Murmu) बड़े अंतर से चुनाव जीत सकती हैं। शिवसेना के बाद कल यानी गुरुवार को झारखंड मुक्ति मोर्चा (झामुमो) ने भी मुर्मू के लिए अपने समर्थन की घोषणा कर दी। हेमंत सोरेन के इस कदम से कांग्रेस ठीक उसी तरह असहज हो गई है, जैसे महाराष्ट्र में एनसीपी और शरद पवार। झामुमो ने भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस की सहयोगी होने के बाद भी एनडीए के राष्ट्रपति पद के उम्मीदवार को अपना समर्थन दिया है। इस मौके पर झामुमो प्रमुख शिबू सोरेन ने कहा, 'आजादी के बाद पहली बार किसी आदिवासी महिला को राष्ट्रपति बनने का गौरव मिलने जा रहा है। इसलिए, उचित विचार-विमर्श के बाद पार्टी ने द्रौपदी मुर्मू के पक्ष में मतदान करने का ...