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एप्पल के सामने आईं ये दिग्गज कंपनियां

वाशिंगटन। दुनिया की सबसे बड़ी टेक कंपनियों में एक एप्पल के लिए परेशानियां बढ़ गई हैं. कंपनी की नई ऐप स्टोर पॉलिसी पर विवाद खड़ा हो गया है और इस विवाद में उसके सामने दुनिया की दिग्गज कंपनियां आ गई हैं. माइक्रोसॉफ्ट और एक्स समेत चार बड़ी टेक कंपनियां एप्पल की नई पॉलिसी का विरोध कर रही हैं.

एप्पल के सामने आईं ये दिग्गज कंपनियां
वॉल स्ट्रीट जर्नल की एक रिपोर्ट के अनुसार, एप्पल के खिलाफ कई बड़ी टेक कंपनियों ने लीगल पिटिशन फाइल किया है. एप्पल के खिलाफ न्यायिक कदम उठाने वाली कंपनियों में फेसबुक की पैरेंट कंपनी मेटा, माइक्रोसॉफ्ट, एलन मस्क की एक्स, म्यूजिक स्ट्रीमिंग प्लेटफॉर्म स्पॉटिफाई और मैच ग्रुप शामिल हैं. उन कंपनियों ने एप्पल की नई ऐप पॉलिसी का विरोध करते हुए सवाल उठाया है कि आईफोन बेचने वाली कंपनी ने पेमेंट के वैकल्पिक तरीकों को स्वीकृति देने के कोर्ट के आदेश का पालन नहीं किया है.

एपिक गेम्स पहले ही कर चुकी है विरोध
इससे पहले ऐप की नई पॉलिसी पर एप्पल को एपिक गेम्स के विरोध का सामना करना पड़ चुका है. फोर्टनाइट गेम ऑपरेट करने वाली कंपनी एपिक गेम्स ने भी एप्पल की नई ऐप पॉलिसी का विरोध किया है और अब इस लड़ाई में उसे वॉल स्ट्रीट के दिग्गजों का साथ मिल गया है. दरअसल एप्पल ने अपने ऐप स्टोर से बाहर किए गए पेमेंट पर कमिशन वसूल करने की योजना बनाई है. अन्य टेक दिग्गज एप्पल की इसी योजना का विरोध कर रहे हैं.

माइक्रोसॉफ्ट से यहां पिछड़ गई एप्पल
वैल्यू के हिसाब से दुनिया की सबसे बड़ी कंपनियों में शामिल एप्पल को इस मुकदमेबाजी से नुकसान उठाना पड़ सकता है. एप्पल को पिछले कुछ दिनों में काफी नुकसान उठाना पड़ा है. कंपनी का एमकैप अब 3 ट्रिलियन डॉलर के प्रतिष्ठित क्लब से नीचे आ चुका है और अब एप्पल दुनिया की सबसे वैल्यूएबल कंपनी भी नहीं रह गई है. कुछ सप्ताह पहले तक एप्पल वैल्यू के हिसाब से दुनिया की सबसे बड़ी कंपनी थी, जो पोजिशन अब माइक्रोसॉफ्ट कब्जा कर चुकी है.

अमेरिकी सरकार भी कर सकती है मुकदमा
एप्पल के ऊपर अमेरिकी सरकार भी एक अलग मामले में मुकदमा दायर कर सकती है. ब्लूमबर्ग की एक रिपोर्ट के अनुसार, अमेरिकी सरकार एंटीट्रस्ट कानूनों के उल्लंघन को लेकर एप्पल को कोर्ट में घसीट सकती है. रिपोर्ट के अनुसार, यह मुकदमा आज गुरुवार को दायर किया जा सकता है. अमेरिकी सरकार का आरोप है कि एप्पल प्रतिस्पर्धी कंपनियों को अपने आईफोन के हार्डवेयर व सॉफ्टवेयर फीचर को एक्सेस करने से रोक रही है, जो एंटीट्रस्ट कानूनों का उल्लंघन है.