Monday, May 20"खबर जो असर करे"

Tag: Women

ऑनलाइन गेम का मकड़जाल

अवर्गीकृत
- डॉ. राजेन्द्र प्रसाद शर्मा ऑनलाइन गेम के प्रति बढ़ती दुनिया की दीवानगी चिंतनीय है। आज ऑनलाइन गेमिंग की ग्रोथ रेट यानी कि इसके प्रति लोगों का रुझान 12 प्रतिशत सालाना की दर से बढ़ रहा है। नित नए गेम मार्केट में आ रहे हैं। दिन प्रतिदिन नए लोग इनके मकड़जाल में फंसते जा रहे हैं। बच्चे तो बच्चे अब तो महिलाएं भी पीछे नहीं हैं। लुमिकाई की हालिया रिपोर्ट के अनुसार आनॅनलाइन गेमिंग में महिलाओं के हिस्सेदारी बढ़ते-बढ़ते 43 फीसदी का आंकड़ा छू गई है। दरअसर ऑनलाइन गेमिंग के जहां बुद्धि कौशल विकास के फायदे बताए जा रहे हैं, वहीं नुकसानों की गिनती की जाए तो वह कहीं ज्यादा है। यहां तक कि गेमिंग के चक्कर में कई बच्चे और युवा जिंदगी तक दांव पर लगा रहे हैं। यह वास्तव में चिंतनीय और गंभीर हो जाता है। साठ के दशक में रुडोल्फ हेनरिक बेयर ने ऑनलाइन गेमिंग की दिशा में कदम बढ़ाते हुए पहला गेम बनाया था। तब शायद ही यह बात...
पं. धीरेंद्र शास्त्री के दिव्य दरबार में लगा आत्माओं का मेला! झूमते-नाचते पहुंची महिलाएं

पं. धीरेंद्र शास्त्री के दिव्य दरबार में लगा आत्माओं का मेला! झूमते-नाचते पहुंची महिलाएं

देश, मध्य प्रदेश
भोपाल (Bhopal)। मध्यप्रदेश (Madhya Pradesh) में राजगढ़ जिले (Rajgarh district) के खिलचीपुर में बागेश्वर धाम (Bageshwar Dham) के महंत एवं प्रसिद्ध कथावाचक पंडित धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री (Pandit Dhirendra Krishna Shastri) की तीन दिवसीय कथा का आयोजन हो रहा है। पं. धीरेंद्र शास्त्री ने मंगलवार को कथा के दूसरे दिन दिव्य दरबार लगाया। इस दौरान उन्होंने कई लोगों की पर्ची भी खोली। दिव्य दरबार में बुरी आत्माओं का मेला लग गया। तीन दिवसीय कथा के दूसरे दिन मंगलवार को दोपहर 12.00 बजे दिव्य दरबार लगी। आयोजकों ने मंच पर ही पं. धीरेन्द्र शास्त्री का स्वागत किया। इस दौरान दिव्य दरबार में बाबा ने कई लोगों की पर्चियां खोली। यहां दोपहर 3.00 बजे के बाद बुरी आत्माओं का मेला लगा। मेले में बुरी आत्माओं से पीड़ित महिलाएं झूमते और नाचते हुए पहुंची, जिन्हें सेवादारों ने मंच के पास तक पहुंचाया। महाराज ने मंच से कहा ...
लाड़ली बहना योजना से महिलाएं होंगी आर्थिक रूप से सशक्त : राज्यपाल

लाड़ली बहना योजना से महिलाएं होंगी आर्थिक रूप से सशक्त : राज्यपाल

देश, मध्य प्रदेश
- राज्यपाल पटेल और मुख्यमंत्री चौहान ने डिंडौरी जिले को दी विकास की अनेक सौगातें भोपाल (Bhopal)। राज्यपाल मंगुभाई पटेल (Governor Mangubhai Patel) ने कहा कि मुख्यमंत्री लाड़ली बहना योजना (Chief Minister Ladli Behna Yojana) से प्रदेश की बहनें आर्थिक रूप से और सशक्त (sisters financially more empowered) और आत्म-निर्भर (self-dependent) होंगी। बहनें अब और मज़बूती से अपनी बातें रख पाएंगी। उन्होंने आह्वान किया कि बच्चों का अच्छा स्वास्थ्य एवं शिक्षा प्रगति के लिए अहम है। इस दिशा में शासन के प्रयास में सभी अभिभावक अपनी ज़िम्मेदारी का निर्वहन करें। राज्यपाल पटेल डिंडोरी जिले में महिला सम्मेलन को संबोधित कर रहे थे। राज्यपाल पटेल गुरुवार को मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान (Chief Minister Shivraj Singh Chouhan) के साथ डिंडोरी जिले के रजत जयंती समारोह और महिला सम्मेलन में शामिल हुए। उन्होंने जिले की...
गणगौर: राजस्थान का प्रसिद्ध लोकोत्सव

गणगौर: राजस्थान का प्रसिद्ध लोकोत्सव

अवर्गीकृत
- रमेश सर्राफ धमोरा अपनी ऐतिहासिकता के साथ राजस्थान के पर्व- त्योहार अलग महत्व रखते हैं। राजस्थानी परम्परा के लोकोत्सव एक विरासत को संजोए हुए हैं। गणगौर भी राजस्थान का ऐसा ही प्रमुख लोक पर्व है। लगातार 17 दिनों तक चलने वाला गणगौर का पर्व मूलतः कुंवारी लड़कियों व महिलाओं का त्योहार है। राजस्थान की महिलाएं चाहे दुनिया के किसी भी कोने में हों, गणगौर के पर्व को पूरे उत्साह के साथ मनाती हैं। विवाहिता एवं कुंवारी, सभी आयुवर्ग की महिलाएं गणगौर की पूजा करती हैं। राजस्थान में सभी सम्प्रदाय फले-फूले हैं। राजस्थानी शासकों ने विश्व कल्याण की भावना से अभिभूत होकर लोक मान्यताओं का सदा सम्मान किया। इसी कारण यहां सभी पौराणिक एवं वैदिक देवी-देवताओं के मन्दिर हैं। उनके उत्सव बड़ी धूमधाम से मनाये जाते हैं। गणगौर का उत्सव भी ऐसा ही लोकोत्सव है। जिसकी पृष्ठ भूमि पौराणिक है। काल प्रभाव से उनमें शास्त्राचार के स...
आधी आबादी और समानता की आस

आधी आबादी और समानता की आस

अवर्गीकृत
- डॉ. निवेदिता शर्मा संयुक्त राष्ट्र महासचिव गुटेरेश ने हाल ही में विज्ञान के क्षेत्र में कार्यरत महिलाओं को हरसम्भव समर्थन देने की की घोषणा की है। निसंदेह इससे इस क्षेत्र में महिलाओं की संख्या बढ़ेगी। संयुक्त राष्ट्र शैक्षिक, वैज्ञानिक एवं सांस्कृतिक संगठन के अनुसार, स्कूलों में लड़कियों की संख्या पहले की तुलना में कहीं अधिक है, लेकिन विज्ञान, टेक्नोलॉजी, इंजीनियरिंग, और गणित विषयों में उनका प्रतिनिधित्व अब भी कम है। हर तीन में से केवल एक शोधकर्ता महिला है। कृत्रिम बुद्धिमता जैसे अत्याधुनिक क्षेत्रों में इनकी संख्या और भी कम है। यहां हर पांच में से केवल एक महिला ही कार्यरत है। देखा जाए तो चिंता का विषय इतना भर नहीं है कि विज्ञान अथवा तकनीक के क्षेत्र में महिलाओं के साथ न्याय नहीं हो रहा। व्यवहार में सच यही है कि जो देश स्वयं को बहुत विकसित मानते हैं, वहां भी लैंगिक समानता का अभाव हर स्तर...
क्यों 2023 में महिलाओं को मिलेंगी अधिक नौकरियां

क्यों 2023 में महिलाओं को मिलेंगी अधिक नौकरियां

अवर्गीकृत
- आर.के. सिन्हा एक मशहूर बिजनेस अखबार ने कुछ दिनों पहले यह खबर प्रकाशित कर दी कि भारत के प्राइवेट सेक्टर में नए साल 2023 में महिलाओं की भर्तियों में तेजी आएगी। जब अधिकतर अखबारों तथा खबरिया चैनलों में निराशाजनक खबरों की भरमार रहने लगी है, तब किसी भी इंसान को उपर्युक्त खबर को पढ़कर सुकून तो मिलना ही चाहिए। इसमें कोई शक नहीं है कि किसी भी देश और समाज की पहचान इस बात से ही होती है कि वहां पर महिलाएं आर्थिक रूप से कितनी स्वावलंबी हैं। वे स्वावलंबी तो तब ही होंगी जब उन्हें सही ढंग से शिक्षित किया जाएगा और उन्हें रोजगार में पर्याप्त अवसर मिलेंगे। अपने पुरुष साथियों के बराबर दायित्व तथा वेतन भी मिलेगा। बेशक, जिन कंपनियों में महिला मुलाजिम होती हैं वहां पर माहौल सकारात्मक तो रहता ही है। इसलिए किसी दफ्तर का समावेशी होना बहुत जरूरी है। दरअसल लार्सन एंड टूब्रो (एलएंडटी), आईटीसी, सिप्ला, प्रॉक्टर एंड...
आधी आबादी के लिए न्यूजीलैंड से सुखद संदेश

आधी आबादी के लिए न्यूजीलैंड से सुखद संदेश

अवर्गीकृत
- डॉ. राजेन्द्र प्रसाद शर्मा दुनिया में आधी दुनिया को सबसे पहले मताधिकार देने वाले देश न्यूजीलैंड से यह सुखद संदेश भी आ गया है कि वहां की संसद में महिलाओं की संख्या अब पुरुषों से अधिक हो गई है। न्यूजीलैंड की संसद में 59 पुरुषों के मुकाबले अब 60 महिला सांसद हो गई है। उदारवादी लेबर पार्टी की नेता सोराया पेके मैशन ने पिछले दिनों सांसद के रूप में शपथ ली है। न्यूजीलैंड ने 1893 में ही महिलाओं को मताधिकार देकर दुनिया के देशों के सामने एक मिसाल कायम कर दी थी। हालांकि यह भी विचारणीय हो सकता है कि करीब 130 साल से भी अधिक समय के बाद संसद में महिलाओं की हिस्सेदारी आधी हुई है पर इसे सकारात्मक सोच के साथ देखा जाना चाहिए। देखा जाए तो दुनिया के करीब आधा दर्जन देश ऐसे हैं जहां की संसद में महिलाओं का प्रतिनिधित्व अच्छा खासा है। खासतौर से रवांडा ऐसा देश है जहां संसद में महिलाओं की हिस्सेदारी 61 फीसदी से भी ...
अग्निवीर: मिलिट्री पुलिस तक सिमट जाएंगी महिलाएं, इंतजार के बाद भी मौके सीमित

अग्निवीर: मिलिट्री पुलिस तक सिमट जाएंगी महिलाएं, इंतजार के बाद भी मौके सीमित

देश
नई दिल्‍ली । अग्निपथ योजना (Agneepath Scheme) के जरिये तीनों सेनाओं में महिला (woman) अग्निवीरों की भर्ती को लेकर बड़े ऐलान तो किए गए थे, लेकिन उनके जमीन पर उतरने के आसार कम हैं। थल सेना (army) में सबसे ज्यादा अग्निवीरों (agniveer) की भर्ती होनी है, लेकिन उसमें महिलाओं के लिए मौके सीमित होंगे। सिर्फ मिलिट्री पुलिस में ही सीमित संख्या में उनकी भर्ती होगी। इसके लिए भी उन्हें इंतजार करना पड़ सकता है। सूत्रों के अनुसार, मिलिट्री पुलिस में महिला जवानों के लिए 800 पद स्वीकृत हैं। इनमें से 83 जवानों की भर्ती पहले ही हो चुकी है और दूसरे चरण में मुश्किल से 100 रिक्तियां निकलने के आसार हैं। सेना के सूत्रों ने कहा कि अग्निपथ योजना के तहत महिलाओं के लिए कोई नई शाखा में प्रवेश नहीं खोला गया है, बल्कि पहले से ही स्वीकृत मिलिट्री पुलिस में ही उनकी भर्ती की जाएगी। मिलिट्री पुलिस के लिए 2019-20 में पहली ...