Friday, May 17"खबर जो असर करे"

Tag: Modi government

हर नागरिक कह रहा- फिर एक बार मोदी सरकार और अबकी बार 400 पारः नड्डा

हर नागरिक कह रहा- फिर एक बार मोदी सरकार और अबकी बार 400 पारः नड्डा

देश, मध्य प्रदेश
भोपाल (Bhopal)। भाजपा के कार्यकर्ता (BJP workers) बहुत भाग्यशाली (lucky) हैं। ये उस दल के कार्यकर्ता हैं, जिसके चेहरे पर चुनाव में उतरने से पहले ही जीत का आत्मविश्वास (confidence of victory) साफ झलक रहा है। भाजपा ने वह समय भी देखा है जब नामांकन पत्र भरते (filling nomination form) समय ही प्रत्याशियों के मन में अपनी जीत को लेकर संदेह रहता था और आज वह समय भी देख रहे हैं जब जीत की नहीं अपितु वोटों के अंतर की बात कर रहे हैं। हर नागरिक, कार्यकर्ता कह रहा है कि ‘फिर एक बार मोदी सरकार और अबकी बार 400 पार’। इस सफलता के पीछे चार-चार पीढ़ियां खप गई हैं, उनका तप और परिश्रम है, जिसका फल आज के कार्यकर्ताओं को मिल रहा है। भाजपा ने वो समय भी देखा है जब लोग हार निश्चित होते हुए भी अपनी जमीनें बेचकर तब के जनसंघ की दीप को जलाए रखने के लिए चुनाव लड़ते थे और आज भाजपा विश्व की सबसे बड़ी पार्टी बन गई है। भाजपा के क...
आखिर क्यों जरूरी है नागरिकता संशोधन कानून?

आखिर क्यों जरूरी है नागरिकता संशोधन कानून?

अवर्गीकृत
- मुनीष त्रिपाठी मोदी सरकार ने बहुप्रतिक्षित नागरिकता संशोधन कानून (सीएए) का नोटिफिकेशन जारी कर दिया है । इसी के साथ देश में अब सीएए लागू हो गया है । हम यहां यह समझने की कोशिश करेंगे आखिर यह क्यों जरूरी है । साल 2020 में देशभर में सीएए के खिलाफ प्रदर्शन हुए थे । इन प्रदर्शनों में कई ऐसे लोग भी थे जिन्हें कानून की कम या गलत जानकारी थी । इसलिए आइए समझते हैं कि सीएए लागू होने से क्या बदलेगा । आगामी लोकसभा चुनाव से ठीक पहले मोदी सरकार ने नागरिकता संशोधन कानून का नोटिफिकेशन जारी कर दिया है । इसी के साथ देश में अब सीएए लागू हो गया है । सीएए के अमल में आ जाने के बाद अब बांग्लादेश, पाकिस्तान और अफगानिस्तान से आए गैर मुस्लिम अल्पसंख्यकों को भारतीय नागरिकता मिलने का रास्ता साफ हो गया है । साल 2020 में देशभर में सीएए के खिलाफ प्रदर्शन हुए थे, इसलिए आइए समझते हैं कि सीएए लागू होने से क्या बदलेगा ? ...
सबसे बड़ा सवाल… फिर क्यों चाहिए बाहरी मुसलमानों को भारत की नागरिकता?

सबसे बड़ा सवाल… फिर क्यों चाहिए बाहरी मुसलमानों को भारत की नागरिकता?

अवर्गीकृत
- डॉ. मयंक चतुर्वेदी केंद्र की मोदी सरकार एक अच्छी मंशा से नागरिकता संशोधन कानून (सीएए) लेकर आई है। किंतु देश विरोधी शक्तियां इसे लेकर जनमानस के बीच जिस तरह का नैरेटिव सेट करने के प्रयास में लगी हैं, वह बहुत ही खतरनाक है। 2019 की तरह ही इस विषय पर फिर से देश में अराजकता पैदा करने का प्रयास किया जा रहा है। भारत के नागरिक मुसलमानों को भड़काने की कोशिशें शुरू हो गई हैं, यह कहकर कि उनके अधिकारों का हनन है। मुसलमानों में डर का माहौल यहां तक बनाया जा रहा है कि ''यह देश के 17 करोड़ मुसलमानों को संदेश है कि वे अब कागज निकालें'' ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लिममीन (एआईएमआईएम) अध्यक्ष असदुद्दीन ओवैसी जैसे नेता कह रहे है, "आप क्रोनोलॉजी समझिए, पहले चुनाव का मौसम आएगा फिर सीएए के नियम आएंगे।...सीएए विभाजनकारी है और गोडसे की सोच पर आधारित है, जो मुसलमानों को दोयम दर्जे का नागरिक बनाना चाहता है।....
मोदी सरकार के 9 साल के कार्यकाल में गरीबी से बाहर आए 24.82 करोड़ लोगः नीति आयोग

मोदी सरकार के 9 साल के कार्यकाल में गरीबी से बाहर आए 24.82 करोड़ लोगः नीति आयोग

देश, बिज़नेस
नई दिल्ली (New Delhi)। केंद्र (Centre) की नरेन्द्र मोदी सरकार (Narendra Modi government) के नौ साल के कार्यकाल (Tenure of nine years) में 24.82 करोड़ लोग (24.82 crore people ) गरीबी से बाहर (come out poverty) निकले हैं। नीति आयोग (Policy Commission) की एक रिपोर्ट में यह दावा किया गया है। नीति आयोग ने रिपोर्ट में सोमवार को बताया कि 2013-14 से 2022-23 तक कुल नौ वर्षों में 24.82 करोड़ लोग गरीबी से बाहर निकले हैं। इसमें उत्तर प्रदेश, बिहार और मध्य प्रदेश में गरीबी में सबसे बड़ी गिरावट दर्ज की गई है। देश में बहुआयामी गरीबी 2013-14 में 29.17 फीसदी थी, जो घटकर 2022-23 में 11.28 फीसदी रह गई है। आयोग की इस रिपोर्ट को नीति आयोग के सदस्य प्रोफेसर रमेश चंद द्वारा नीति आयोग के सीईओ बीवीआर सुब्रमण्यम की उपस्थिति में जारी किया गया। हालांकि, राज्यों का प्रदर्शन अलग-अलग है, कुछ राज्यों में जहां परंपर...
विदेशी धरती पर संकट में फंसे भारतीय नागरिकों के प्रति मोदी सरकार की संवेदनशीलता

विदेशी धरती पर संकट में फंसे भारतीय नागरिकों के प्रति मोदी सरकार की संवेदनशीलता

अवर्गीकृत
- डॉ. मयंक चतुर्वेदी दुनिया में कहीं भी संकट आया हो, भारत सरकार ने अपने नागरिकों को सुरक्षित वापस स्वदेश लाने में कोई कमी नहीं छोड़ी है और इस सिलसिले को आगे बढ़ाते हुए इजरायल में फंसे हजारों भारतीय नागरिकों को सुरक्षित स्वदेश वापस लाने के लिये ऑपरेशन 'अजय' हम सभी के सामने है। केंद्र की मोदी सरकार यह कार्य ऐसे संकटकालीन समय में कर रही है जब हमास के आतंकवादियों ने इजरायल में घुस कर आम नागरिकों, यहां तक कि बच्चों को भी हैवानियत के साथ कत्ल किया है। देखा जाए तो इजरायल में करीब 18 हजार भारतीय नागरिक काम या पढ़ाई के सिलसिले में रह रहे हैं। यहां रहने वाले भारतीयों का एक बड़ा हिस्सा देखभाल करने वालों के रूप में काम करता है, लेकिन वहां लगभग एक हजार छात्र, कई आईटी पेशेवर और हीरा व्यापारी भी हैं, जिन्हें सुरक्षित निकालने का सिलसिला मोदी सरकार ने शुरू किया है। मौजूदा हालत में भारतीय लोगों की सहायत...
मोदी सरकार के 9 साल: विद्युत क्षेत्र का संपूर्ण कायाकल्प

मोदी सरकार के 9 साल: विद्युत क्षेत्र का संपूर्ण कायाकल्प

अवर्गीकृत
- आर.के. सिंह पिछले नौ वर्षों के दौरान मोदी सरकार ने विद्युत क्षेत्र में उल्लेखनीय बदलावों को संभव बनाया है। निरंतर लोड शेडिंग और बिजली की कमी वाले दिन अब इतिहास हो गए। वर्ष 2014-15 से पहले, बिजली की आपूर्ति में होने वाला घाटा आश्चर्यजनक रूप से 4.5 प्रतिशत था। हालांकि, 2014 में इस सरकार के कार्यभार संभालने के बाद से बिजली उत्पादन क्षमता में 185 गीगावॉट की प्रभावशाली वृद्धि की गई है। इसके साथ भारत बिजली की कमी वाले देश की जगह अधिशेष बिजली वाला देश बन गया है। आज हमारी कुल स्थापित क्षमता 417 गीगावॉट है, जोकि 222 गीगावॉट की चरम मांग से लगभग दोगुनी है। परिणामस्वरूप, भारत अब पड़ोसी देशों को बिजली का निर्यात कर रहा है। पारेषण (ट्रांसमिशन) के क्षेत्र में भी उल्लेखनीय प्रगति हुई है। वर्ष 2013 के बाद से, लगभग दो लाख सर्किट किलोमीटर तक फैली पारेषण लाइनों का एक व्यापक नेटवर्क स्थापित किया गया है जो ...
सेवा, सुशासन और विकास को समर्पित मोदी सरकार

सेवा, सुशासन और विकास को समर्पित मोदी सरकार

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- डॉ. सौरभ मालवीय भारतीय राजनीति में सबका साथ सबका विकास का नारा देकर प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी भारतीय राजनीति में अपनी विशेष पहचान बनाने में सफल रहे हैं। पार्टी की मजबूती की बात करें, तो नरेंद्र मोदी ने भारतीय जनता पार्टी को राष्ट्रीय स्तर पर खड़ा करने में अद्भुत परिश्रम किया है। पूरे देश में सभी स्तर के चुनावों का संचालन करने में नरेंद्र मोदी ने महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। उन्होंने भाजपा के पितृ पुरुषों की परंपरा को आगे बढ़ाते हुए पार्टी का विस्तार किया तथा इसका जनाधार बढ़ाया। भारतीय जनता पार्टी आज देश में प्रथम स्थान की पार्टी है। साथ ही यह विश्व में सबसे अधिक सदस्यता वाली राजनीतिक पार्टी के रूप में जानी जाती है। मोदी सरकार ने अपने 9 साल के कार्यकाल में गौरवशाली भारत से आधुनिक भारत तक की यात्रा को मजबूती प्रदान की है। चरैवेति चरैवेति भाजपा का यात्रा मंत्र उल्लेखनीय है कि वर्ष 1984 मे...
कृषि सुधार और अंतहीन बहस

कृषि सुधार और अंतहीन बहस

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- प्रभुनाथ शुक्ल स्वतंत्र भारत में लघु और सीमांत किसानों की माली हालत किसी से छुपी नहीं है। मोदी सरकार किसानों की आय दोगुना करने का प्रयास कर रही है। इससे कुछ बदलाव भी दिख रहा है। बावजूद इसके देश का पेट भरने वाला अधिसंख्य किसान खुद भूखा, नंगा और फटेहाल है। भारत में कृषि सुधार एक अंतहीन बहस का मुद्दा रहा है। इस पर कब पूर्णविराम लगेगा, यह अबूझ पहेली है। आजादी के बाद श्वेत और हरित क्रांति के नारे बुलंद किए गए,लेकिन जमीनी स्तर पर उसका लाभ किसानों को नहीं मिला। तत्कालीन सरकारों की नीतियों की वजह से किसान आत्महत्या करने को मजबूर हुआ। बैंकों के कर्ज तले उसकी पीढ़ियां दबती चली गईं। किसानों की समस्याओं को लेकर एक स्वतंत्र आयोग का गठन नहीं किया जा सका जो किसानों की समस्याओं की निगरानी रखता। आधुनिक विकास में लघु और सीमांत किसानों के लिए कृषि लाभकारी साबित नहीं हो पाई। अगर ऐसा होता तो किसान आत्महत्...
मोदी सरकार में पूर्वोत्तर का तेजी से होता विकास और खत्म होता उग्रवाद

मोदी सरकार में पूर्वोत्तर का तेजी से होता विकास और खत्म होता उग्रवाद

अवर्गीकृत
- डॉ. मयंक चतुर्वेदी पूर्वोत्तर भारत और यहां के समस्त राज्यों को लेकर एक बात बिना किसी हिचक के हमें स्वीकारनी होगी कि देश के इस हिस्से के प्रति शेष देश में सहज अपनत्व की भावना में प्राय: कमी ही देखी जाती रही है । संभवत: यही वह कारण भी होगा जिसके चलते दुर्भाग्यवश स्वाधीन भारत की लम्बे समय तक केंद्र में रहीं कांग्रेसी सरकार या मिली जुली सरकारों ने न तो पूर्वोत्तर राज्यों के आर्थिक विकास के लिए ठोस प्रयास किये और न ही उनके सामरिक महत्व की पहचान कर उसके लिए आवश्यक कदम ही उठाए । वस्तुत: नरेंद्र मोदी की सरकार बनने के बाद पूर्वोत्तर की तरफ तेजी के साथ ध्यान दिया जा रहा है, यदि आज यह कहा जाए तो कुछ गलत न होगा । वर्तमान में पूर्वोत्तर को लेकर दिल्ली की सोच में स्पष्ट परिवर्तन दिखाई दे रहा है। सबसे अच्छी बात यह है कि वहां उग्रवाद में बहुत अधिक कमी देखने को मिल रही है और युवा वर्ग का विकास योजनाओं त...