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कांग्रेस के घोषणापत्र पर आक्रामक भाजपा

कांग्रेस के घोषणापत्र पर आक्रामक भाजपा

अवर्गीकृत
- मृत्युंजय दीक्षित लोकसभा चुनाव के दो चरणों का मतदान संपन्न हो चुका है। तीसरे चरण के लिए प्रचार अभियान जारी है। भाजपा रामलहर और मोदी के करिश्माई नेतृत्व के बल पर अबकी बार चार सौ पार के नारे के साथ आगे बढ़ रही है। भाजपा नेतृत्व अभी तक विपक्ष को परिवारवाद व उनके शासनकाल में किए गये अथाह भ्रष्टाचार और घोटालों की बात करके घेर रहा था। उसके मुस्लिम तुष्टिकरण पर सीधा प्रहार नहीं कर रहा था किन्तु कांग्रेस के चुनावी घोषणापत्र, राहुल गांधी व विपक्ष के नेताओं के कुछ आपत्तिजनक बयानों के बाद नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में पूरी भाजपा अब कांग्रेस तथा विरोधी दलों के घोर मुस्लिम तुष्टिकरण को लेकर आक्रामक हो गयी है। मोदी ने कांग्रेस के समय में प्रधानमंत्री रहे मनमोहन सिंह के भाषण और कांग्रेस के घोषणापत्र में किए गए वादों पर चर्चा करते हुए स्वयं कांग्रेस के घोषणापत्र पर मोर्चा खोला। भारतीय जनता पार्टी के...
भाजपा ने घोषणा पत्र को गारंटी का दस्तावेज बना दिया

भाजपा ने घोषणा पत्र को गारंटी का दस्तावेज बना दिया

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- डॉ. आशीष वशिष्ठ साल 1980 में स्थापना के बाद 1984 के आम चुनाव में पहली बार भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने संसदीय चुनाव लड़ा। इस चुनाव में भाजपा के मेनिफेस्टो यानी घोषणा पत्र का शीर्षक था, 'टुवर्डस न्यू पॉलिटी' यानी नई राजनीति की ओर। घोषणा पत्र वह दस्तावेज होता है जो चुनाव लड़ने वाले सभी राजनीतिक दल जारी करते हैं। इसमें वे जनता के सामने अपने वादे रखते हैं। इसके जरिए बताते हैं कि वे चुनाव जीतने के बाद जनता के लिए क्या-क्या करेंगे। उनकी नीतियां क्या होंगी। सरकार किस तरह से चलाएंगे और उससे जनता को क्या फायदा मिलेगा। हालांकि, वास्तविकता में घोषणा पत्र वादों का पिटारा मात्र होता है, जिनसे जनता को लुभा कर वोट मांगा जाता है। ये वादे कितने पूरे होते हैं, यह अलग चर्चा का विषय है। घोषणा पत्र को लेकर ज्यादातर राजनीतिक दलों का रवैया, रात गई, बात गई वाला होता है। भारत के संसदीय इतिहास में भाजपा अब...