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लू के थपेड़ों से जिंदगी की जंग हार जाते हैं डेढ़ लाख से अधिक लोग

लू के थपेड़ों से जिंदगी की जंग हार जाते हैं डेढ़ लाख से अधिक लोग

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- डॉ. राजेन्द्र प्रसाद शर्मा बात भले ही अजीब लगे पर यह सच्चाई है कि लू के थपेड़ों से डेढ़ लाख से अधिक लोग जिंदगी की जंग हार जाते हैं। वैसे तो दुनिया के सभी देश इससे प्रभावित हैं पर भारत, रूस और चीन इससे सर्वाधिक प्रभावित हैं। प्रकृति के अत्यधिक और अंधाधुंध दोहन का परिणाम सामने आने लगे हैं। ऐसा नहीं है कि धरती के बढ़ते तापमान से दुनिया के देश चिंतित ना हो या इससे बेखबर हो पर इसे संतुलित करने के प्रयासों में जो लक्ष्य हासिल किया जाना था वह अभी दूर की कौड़ी सिद्ध हो रहा है। हालात बेहद चिंतनीय और गंभीर है। भारत के साथ-साथ दुनिया के देश अब जलवायु परिवर्तन के दुष्परिणामों से दो चार होने लगे हैं। बेमौसम बरसात, तेज गर्मी, तेज सर्दी, आए दिन तूफानों का सिलसिला, भू-स्खलन, सुनामी, ग्लेशियरों से बर्फ का तेजी से पिघलना, भूकंपन, जंगलों में आए दिन दावानल और ना जाने क्या-क्या दुष्परिणाम सामने आते जा रहे हैं...
जीवन में रामत्व

जीवन में रामत्व

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- ऋचा सिंह श्रीराम को सनातन धर्म में विष्णु का अवतार माना गया है। लोग उनको भगवान और आराध्य मान कर पूजा-अर्चना करते हैं। लेकिन जब हम राम के सम्पूर्ण जीवन का अवलोकन करते हैं तो पाते हैं कि राम केवल पूजा के विषय नहीं हैं, वह अनुकरणीय हैं हर स्थिति काल में जीवन को दिशा प्रदान करने वाले प्रेरणा पुंज हैं। ऐसा इसलिए क्योंकि राम ने स्वयं को एक राजा और भगवान के अवतार के रूप में नहीं अपितु जननायक के रूप में स्थापित किया। हम उनके संपूर्ण जीवन में देखते हैं कि कैसे उन्होंने कठिन स्थितियों में भी मर्यादा के नूतन आयाम स्थापित किए। राजकुल में जन्म लेने के बाद भी राम ने अपना जीवन राजसी वैभव में नहीं बिताया। उनका बाल्यकाल आश्रम में व्यतीत हुआ, गुरुकुल में वह राजकुमारों की भांति नहीं अपितु सामान्य बालकों की भांति अपने और आश्रम के सारे कार्य करते थे। जब वह युवा हुए और राज्याभिषेक का समय आया तो उन्हें पिता...
हिन्दुत्व में है ‘मानवीय जीवन मूल्यों पर संकट का’ समाधान

हिन्दुत्व में है ‘मानवीय जीवन मूल्यों पर संकट का’ समाधान

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- हृदयनारायण दीक्षित मानवीय जीवन मूल्यों पर संकट है। इतिहास के किसी अन्य कालखण्ड में इस तरह का मानवीय संकट नहीं था। समाचार माध्यम भी जब कब विश्वयुद्ध की आशंका की बातें करते हैं। विचार ही मनुष्य जाति के वाह्य स्वरूप और आंतरिक उदात्त भाव के प्रसारक रहे हैं। विचार भी अपना प्रभाव खो रहे हैं। मानवीय सभ्यता आधुनिक काल का मनुष्य विरोधी प्रेरक तत्व बन गई है। वातावरण में निश्चिन्तता नहीं है। संदेह और अनिश्चितता का वातावरण है। मनुष्य जाति भविष्य के भय से डरी हुई है। धन का प्रभाव और धन का अभाव दोनों ही मारक हैं। मानवता का बड़ा भाग पर्याप्त भोजन से वंचित है। इस वर्ग में सामान्य चिकित्सा और शिक्षा, आश्रय-घर का अभाव है। आधुनिक सभ्यता के प्रभाव में अभावग्रस्त लोगों के सामने संकट है। विज्ञान के जानकार प्रकृति के तमाम रहस्य बता रहे हैं। निसंदेह वैज्ञानिक शोधों ने चिकित्सा के क्षेत्र में क्रांतिकारी उपलब्...
परीक्षा पे चर्चा: जिंदगी परीक्षाओं से कहीं बड़ी और गहरी है

परीक्षा पे चर्चा: जिंदगी परीक्षाओं से कहीं बड़ी और गहरी है

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- पंकज जगन्नाथ जायसवाल युवा पीढ़ी के लिए यह एक अद्भुत एहसास है, जब देश के प्रधानमंत्री उनका मनोबल बढ़ाने और समर्थन करने के लिए उनके जीवन का हिस्सा बन जाते हैं। वह भी ऐसे समय पर जब तनाव, भय, अवसाद और चिंता से उबरने में मदद करने के लिए मजबूत कंधे की आवश्यकता होती है। मैकाले शिक्षा प्रणाली ने बोर्ड परीक्षाओं और प्रवेश परीक्षाओं की तैयारी कर रहे बच्चों के मन में उथल-पुथल मचा दी है। जबतक नई शिक्षा कार्ययोजना स्कूल, कॉलेज और संस्थानों में व्यवस्थित रूप से लागू नहीं हो जाती, तब तक बच्चों को निराशा, चिंता, नशीली दवाओं के दुरुपयोग और आत्महत्याओं में वृद्धि सहित मानसिक और भावनात्मक चुनौतियों का सामना करना पड़ेगा। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी का समाज के साथ मजबूत रिश्ता और जमीन पर काम करने का दशकों का अनुभव, साथ ही जमीन पर क्रियान्वित प्रणालियों व नीतियों और समाज पर प्रभाव के बारे में उनके व्यापक...
लाला लाजपतराय: स्वत्व स्वाभिमान और राष्ट्र के लिए जीवन समर्पित

लाला लाजपतराय: स्वत्व स्वाभिमान और राष्ट्र के लिए जीवन समर्पित

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- रमेश शर्मा स्वाधीनता संघर्ष केवल राजनैतिक या सत्ता के लिये ही नहीं होता। वह स्वत्व, स्वाभिमान, आर्थिक, सामाजिक, सांस्कृतिक और मानसिक अस्मिता के लिये भी होता है। इस सिद्धांत के लिये अपना पूरा जीवन समर्पित करने वाले थे पंजाब केसरी लाला लाजपतराय। उनका जन्म 28 जनवरी 1865 को फिरोजपुर में हुआ था। उनका परिवार आर्यसमाज से जुड़ा था। अपने क्षेत्र के सुप्रसिद्ध व्यवसायी उनके पिता मुंशी राधा कृष्ण आजाद संस्कृत के विद्वान थे, उन्हें फारसी और उर्दू का भी ज्ञान था। माता गुलाब देवी भी विदुषी थीं। सांस्कृतिक मूल्यों के प्रति समर्पण के संस्कार लाला लाजपतराय को बचपन से मिले थे। आर्य समाज से संबंधित होने के कारण वे अपनी बात को तथ्य और तर्क के साथ रखना उनके स्वभाव में आ गया था। घर में आध्यात्मिक और धार्मिक पुस्तकों का मानों भंडार था। इनके अध्ययन के साथ उन्होंने वकालत की परीक्षा उत्तीर्ण की और रोहतक तथा...
जीवन प्रकृति के साथ चलने पर ही संभव

जीवन प्रकृति के साथ चलने पर ही संभव

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- गिरीश्वर मिश्र वैश्विक स्तर पर सबको प्रभावित करने वाली मानवजनित चुनौतियों में जलवायु परिवर्तन की खास भूमिका है । इसका स्वरूप दिन-प्रतिदिन जटिल होता जा रहा है । इसे लेकर चिंतन भी होता आ रहा है और गाहे-ब-गाहे विभिन्न स्तरों पर चिंता भी जाहिर की जाती रही है । इस क्रम में ताजा विचार-विमर्श यूएई के विख्यात दुबई महानगर में कॉन्फ्रेंस ऑफ पार्टीज यानी काप का 28 वां सम्मेलन आयोजित हो रहा है । इस शृंखला की यह एक खास कड़ी होगी जिसमें यह जरूरी होगा की इस व्यापक संदर्भ में उठाने वाली समस्याओं के समाधान की दिशा में फलदायी निर्णय लिए जा सकें । अंटार्कटिक क्षेत्र में आ रहे बदलाव और विश्वव्यापी घटना के रूप में अनेक क्षेत्रों में एक लाख से ज़्यादा ग्लेशियरों के बहुत बड़े पैमाने पर पिघलने की घटना से प्राकृतिक संतुलन की स्थिति चिंताजनक हो रही है । इन सबसे जीवनदायी गतिविधि में व्यापक असंतुलन परिलक्षित हो ...
नागरिकों के जीवन में खुशियाँ लाने के लिए परिवार की तरह चला रहा हूँ सरकार: शिवराज

नागरिकों के जीवन में खुशियाँ लाने के लिए परिवार की तरह चला रहा हूँ सरकार: शिवराज

देश, मध्य प्रदेश
- मुख्यमंत्री चौहान ने सीहोर जिले के निमोटा में छह करोड़ से अधिक के निर्माण कार्यों का किया भूमि-पूजन भोपाल (Bhopal)। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान (Chief Minister Shivraj Singh Chouhan) ने कहा कि मैं सरकार को परिवार की तरह चला रहा हूँ। लोगों की जिन्दगी में खुशियाँ लाने के लिए मैं दिन-रात काम कर रहा हूँ। नि:शुल्क राशन (Free ration), मुख्यमंत्री आवास (Chief Minister's residence), आयुष्मान कार्ड (Ayushman card) जैसी योजनाओं का लाभ आज हर व्यक्ति को मिल रहा है। आप सभी मेरा परिवार हैं। आपकी तकलीफों को दूर करना, आपके चेहरों पर सदैव मुस्कुराहट बनाए रखना और आपकी आँखो में कभी आँसू नहीं आने देना मेरा फर्ज है। मुख्यमंत्री चौहान गुरुवार को सीहोर जिले के भैरूंदा जनपद के ग्राम निमोटा में जनसंवाद एवं हितलाभ वितरण कार्यक्रम को संबोधित कर रहे थे। उन्होंने ग्राम निमोटा में 6 करोड़ 30 लाख 31 हजार रुपये क...
जीवन में संतुलन के लिए प्रकृति संरक्षण जरूरी

जीवन में संतुलन के लिए प्रकृति संरक्षण जरूरी

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- योगेश कुमार गोयल विश्वभर में आधुनिकीकरण और औद्योगिकीकरण के चलते प्रकृति के साथ बड़े पैमाने पर खिलवाड़ हो रहा है। प्राकृतिक संसाधनों के अंधाधुंध दोहन और प्रकृति के साथ निर्मम खिलवाड़ का ही नतीजा है कि पर्यावरणीय संतुलन बिगड़ने के कारण मनुष्यों के स्वास्थ्य पर तो प्रतिकूल प्रभाव पड़ ही रहा है, जीव-जंतुओं की अनेक प्रजातियां भी लुप्त हो रही हैं। विश्वभर में मौसम चक्र में निरन्तर आते बदलाव और बिगड़ते पर्यावरणीय संतुलन के कारण पेड़-पौधों की अनेक प्रजातियों के अलावा जीव-जंतुओं की कई प्रजातियों के अस्तित्व पर भी अब संकट के बादल मंडरा रहे हैं। अंतरराष्ट्रीय जैव विविधता परिषद, ‘इंटरगवर्नमेंटल साइंस-पॉलिसी प्लेटफॉर्म ऑन बायोडायवर्सिटी एंड इकोसिस्टम सर्विसेज’ (आइपीबीईएस) द्वारा जारी रिपोर्ट के मुताबिक दुनियाभर में करीब 10 लाख प्रजातियों के विलुप्त होने का खतरा है क्योंकि जैव विविधता और पारिस्थितिकी...
योगीतत्व, वृक्ष का महत्व, जीवन रक्षा कवच

योगीतत्व, वृक्ष का महत्व, जीवन रक्षा कवच

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- डॉ. दिलीप अग्निहोत्री मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने विकास के मामले में पिछली सभी सरकारों को बहुत पीछे छोड़ है। अनेक रिकार्ड कायम कर चुके हैं। अब वह अपने ही रिकार्डों को पिछे छोड़ रहे हैं। इसमें पौधरोपण अभियान भी शामिल है। इस बार 35 करोड़ से अधिक पौधे रोपने का लक्ष्य निर्धारित किया गया। यह नया रिकार्ड होगा। 15 अगस्त को स्वतंत्रता दिवस के अवसर पर एक साथ पांच करोड़ पौधे लगाए जाएंगे। छह वर्षों में सवा सौ करोड़ से अधिक पौधे रोपे जा चुके हैं। एक से सात जुलाई तक आयोजित जागरुकता सप्ताह चलाया गया। 'पेड़ लगाओ-पेड़ बचाओ' का संदेश गूंजेगा। हाइटेक नर्सरी तैयार होगी। पौधरोपण स्थलों की जियो टैगिंग होगी। 'मुख्यमंत्री कृषक वृक्ष धन योजना' लागू होगी। 'खेत पर मेड़-मेड़ पर पेड़' के संदेश को चरितार्थ होगा। विगत वर्षों में बनाए गए 'खाद्य वन, बाल वन, नगर वन, अमृत वन, युवा वन और शक्ति वन' जैसे नियोजित पौधरोपण का अभि...