Wednesday, May 1"खबर जो असर करे"

Tag: Kashmir

कश्मीर में अमन से गुलजार होता गोवा

कश्मीर में अमन से गुलजार होता गोवा

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- आर.के. सिन्हा अब गोवा के करीब आता जा रहा है कश्मीर। हो सकता है कि यह बात अविश्सनीय लगे, पर सच तो यही है। कश्मीर घाटी से हजारों लोगों का गोवा घूमने के लिए जाना बताता है कि दोनों राज्य करीब आ रहे हैं। ये दोनों राज्य न केवल भारत बल्कि दुनिया के सर्वश्रेष्ठ पर्यटन स्थलों में शामिल हैं। गोवावासी तो लंबे समय से छुट्टियां बिताने कश्मीर जाते ही रहे हैं, लेकिन कुछ साल पहले तक कश्मीरियों के लिए ऐसा सपने में भी नहीं सोचा जा सकता था। हालात अब तेजी से बदल रहे हैं और घाटी के लोग बड़ी तादाद में छुट्टियां बिताने गोवा जा रहे हैं। दिल्ली-गोवा फ्लाइट में सफर करने वाले इसे आसानी से समझ सकते हैं। अगर आपने हाल के दौर में कभी राजधानी के इंदिरा गांधी इंटरनेशनल एयरपोर्ट से गोवा का सफर किया है तो आपने कश्मीरियों को सपरिवार गोवा जाते देखा ही होगा। इससे इस बात की पुष्टि भी होती है कि कभी अशांत रहे कश्मीर की फिजा...
कैसे देखते-देखते बदलने लगा कश्मीर

कैसे देखते-देखते बदलने लगा कश्मीर

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- आर.के. सिन्हा अगर किसी ने फैसला ही कर लिया है कि वह प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी का विरोध करना नहीं छोड़ेगा तो बात अलग है, पर हाल ही में उनकी (मोदी जी) श्रीनगर यात्रा के समय जिस तरह का उमंग और उत्साह के साथ स्वागत हुआ उससे सारा देश आश्वस्त महसूस कर रहा है। एक यकीन होने लगा है कि अब कश्मीर देश की मुख्यधारा से जुड़ गया है। प्रधानमंत्री मोदी की जनसभा में उमड़ा जनसैलाब अविश्वसनीय था। सभास्थल बख्शी स्टेडियम में मोदी जी का भाषण सुनने के लिए हजारों लोगों की वक्त से बहुत पहले से ही लाइनें लग गई थीं। इनमें कश्मीरी औरतें भी भारी संख्या में थीं। याद नहीं आता कि जब किसी प्रधानमंत्री का घाटी में इतना गर्मजोशी से स्वागत किया गया हो। इसके पहले लगभग चालीस वर्ष पहले पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी का लगभग ऐसा ही स्वागत हुआ था श्रीनगर में। प्रधानमंत्री की सभा की समाप्ति के बाद लोगों के चेहरों पर प्रसन...
कश्मीर में आतंकियों के ‘यारों’ पर अब चले तलवार

कश्मीर में आतंकियों के ‘यारों’ पर अब चले तलवार

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- मुकुंद सालों साल तक आतंकवाद से बेजार रही कश्मीर घाटी में हालात अब पहले से बेहतर हुए हैं। यह सरकार और अमनपसंद लोगों के लिए सुखद तस्वीर है। केंद्र सरकार के अनुच्छेद 370 समाप्त करने के बाद स्थिति में सुधार आया है। बहुत हद तक आतंकवाद का फन कुचलने में भी मदद मिली है। इससे आतंकवाद का आका पाकिस्तान बौखलाया हुआ है। अब उसने और पाकिस्तान की सरजमीं पर ही सक्रिय आतंकी संगठनों ने अपना फोकस ओवर ग्राउंड वर्कर पर किया है। इनको दहशतगर्दों की मदद के साथ सरहदपार से भेजे जाने वाली ड्रग्स की खेप को खपाने का जिम्मा सौंपा गया है। ऐसा नहीं है कि पड़ोसी मुल्क की इस रणनीति की जानकारी भारत सरकार को नहीं है। भारतीय सुरक्षाबल लगातार ओवर ग्राउंड वर्कर्स को दबोचकर आतंकवाद की रीढ़ की हड्डी तोड़ रहे हैं। मोदी सरकार नौ साल से लगातार आतंकवाद पर प्रहार कर रही है। ऐसा कोई दिन शायद ही गुजरता हो, जब ओवर ग्राउंड वर्कर को दबो...
कश्मीर रहा है सनातन हिंदू संस्कृति का गढ़

कश्मीर रहा है सनातन हिंदू संस्कृति का गढ़

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- प्रहलाद सबनानी अतिप्राचीन भारत में कैलाश पर्वत के आसपास भगवान शिव के गणों की सत्ता थी। इस इलाके में ही दक्ष राजा का साम्राज्य था। ऐसा माना जाता है कि कश्यप ऋषि कश्मीर के पहले राजा हैं । कश्मीर को उन्होंने अपने सपनों का राज्य बनाया। संभवतः कश्यप ऋषि के नाम पर ही कश्यप सागर (कैस्पियन सागर) और कश्मीर का प्राचीन नाम पड़ा। शोधकर्ताओं के अनुसार कैस्पियन सागर से लेकर कश्मीर तक ऋषि कश्यप के कुल के लोगों का राज फैला हुआ था। कश्यप की एक पत्नी कद्रू के गर्भ से नागों की उत्पत्ति हुई जिनमें प्रमुख 8 नाग थे- अनंत (शेष), वासुकि, तक्षक, कर्कोटक, पद्म, महापद्म, शंख और कुलिक। इन्हीं से नागवंश की स्थापना हुई। आज भी कश्मीर में इन नागों के नाम पर ही कई स्थानों के नाम हैं। कश्मीर का अनंतनाग नागवंशियों की राजधानी हुआ करता था। हाल में अखनूर से प्राप्त हड़प्पाकालीन अवशेषों तथा मौर्य, कुषाण और गुप्त काल की कलाक...
कश्मीरः अमित शाह की दो-टूक बातें

कश्मीरः अमित शाह की दो-टूक बातें

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- डॉ. वेदप्रताप वैदिक केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने गत दिवस बारामूला में 10 हजार से ज्यादा लोगों की सभा को संबोधित किया। यह अपने आप में बड़ी बात है। उनका यहां भाषण ऐतिहासिक और अत्यंत प्रभावशाली रहा। हमारे नेता लोग तो डर के मारे कश्मीर जाना ही पसंद नहीं करते लेकिन इस साल कश्मीर में यात्रियों की संख्या 22 लाख रही जबकि पिछले कुछ वर्षों में 5-6 लाख से ज्यादा लोग वहां नहीं जाते थे। बारामूला की जनसभा और यात्रियों की बढ़ी हुई संख्या ही इस बात के प्रमाण है कि कश्मीर के हालात अब बेहतर हुए हैं। खास तौर से 2019 में अनुच्छेद 370 के हटने के बाद से। लगभग सभी कश्मीरी नेताओं ने अनुच्छेद 370 हटाने का जमकर विरोध किया था लेकिन आजकल उनकी हवा निकली पड़ी है, क्योंकि कश्मीर के हालात में पहले से बहुत सुधार है। मनोज सिन्हा के उप राज्यपाल रहते हुए कश्मीर में अब भ्रष्टाचार करने की किसी की हिम्मत ही नहीं पड़ती। कश्मीर...

कश्मीर में जम्हूरियत की नई भोर

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- श्याम सुंदर भाटिया केंद्र सरकार ने जम्मू-कश्मीर के लाखों गैर कश्मीरियों को अमृत महोत्सव का अनमोल तोहफा दिया है। अनुच्छेद 370 और 35ए की विदाई के बाद लोकतांत्रिक तौर पर बड़ा क्रांतिकारी बदलाव होने जा रहा है। केंद्र शासित इस सूबे में परिसीमन के बाद गैर कश्मीरियों को वोटिंग का हक मिलने जा रहा है। नए वोटर्स लिस्टेड होने के बाद घाटी में तकरीबन 25 लाख मतदाताओं का इजाफा हो जाएगा। मौजूदा वोटर्स में करीब एक तिहाई मतदाता और बढ़ जाएंगे। वोटर्स का यह आंकड़ा करीब एक करोड़ या इससे से अधिक हो जाएगा। नए चुनाव के बाद केंद्र शासित सूबे की सियासी तस्वीर बिल्कुल जुदा होने का अनुमान है, लेकिन गैर कश्मीरियों को वोटिंग देने का अधिकार इस सूबे के सियासतदानों को एकदम हजम नहीं हो रहा है। प्रमुख दलों के नेताओं ने तीखी प्रतिक्रिया जाहिर की है। लद्दाख पहली बार नहीं होगा कश्मीर इलेक्शन का हिस्सा आर्टिकल 370 की समाप्...

कश्मीर में जम्हूरियत की नई भोर

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- प्रो. श्याम सुंदर भाटिया केंद्र सरकार ने जम्मू -कश्मीर के लाखों गैर कश्मीरियों को अमृत महोत्सव का अनमोल तोहफा दिया है। अनुच्छेद 370 और 35ए की विदाई के बाद लोकतांत्रिक तौर पर बड़ा क्रांतिकारी बदलाव होने जा रहा है। केंद्र शासित इस सूबे में परिसीमन के बाद नॉन कश्मीरियों को वोटिंग का हक मिलने जा रहा है। नए वोटर्स लिस्टेड होने के बाद घाटी में तकरीबन 25 लाख मतदाताओं का इजाफा हो जाएगा। मौजूदा वोटर्स में करीब एक तिहाई मतदाता और बढ़ जाएंगे। वोटर्स का यह आंकड़ा करीब एक करोड़ या इससे से अधिक हो जाएगा। नए चुनाव के बाद केंद्र शासित सूबे की सियासी तस्वीर बिल्कुल जुदा होने का अनुमान है, लेकिन गैर कश्मीरियों को वोटिंग देने का अधिकार इस सूबे के सियासीदानों को एकदम हजम नहीं हो रहा है। प्रमुख दलों के नेताओं ने तीखी प्रतिक्रिया दी है। अनुच्छेद 370 की समाप्ति के बाद लद्दाख अब इस केंद्र शासित प्रदेश में होन...