Wednesday, May 15"खबर जो असर करे"

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इजराइल को साल भर पहले से थी हमास के हमले की जानकारीः न्यूयॉर्क टाइम्स

इजराइल को साल भर पहले से थी हमास के हमले की जानकारीः न्यूयॉर्क टाइम्स

विदेश
- 40 पन्नों की खुफिया रिपोर्ट को खुफिया संगठन ने गंभीरता से नहीं लिया जेरुसलम (Jerusalem)। हमास के हमले (Hamas attacks) की जानकारी इजराइल (Israel) को एक साल पहले (a year ago) से थी, लेकिन खुफिया संगठन (intelligence organization) ने इस साजिश को हल्के में लिया। यह खुलासा अमेरिका के प्रमुख समाचार पत्र न्यूयॉर्क टाइम्स (new York Times) ने किया है। न्यूयॉर्क टाइम्स की रिपोर्ट के अनुसार यह माना गया कि फलस्तीनी संगठनों हमास, इस्लामिक जिहाद समेत अन्य संगठनों के पास इजराइल से सीधे टक्कर लेने का दुस्साहस नहीं करेंगे और और इजराइली ताकत और तकनीकी के आगे कहां टिक पाएंगे और सुरक्षा को भेदेने में नाकाम रहेंगे। रिपोर्ट के अनुसार, इजराइली अधिकारियों को फलस्तीनी संगठनों की साजिश के बारे में 40 पेज की खुफिया रिपोर्ट दी थी। उसका कूटनाम जेरिचो वाल था। इसमें दक्षिणी शहरों-कस्बों पर हमास के हमले की कल्प...
इजरायल भी करने जा रहा गलती, आतंकियों को छोड़ने का निर्णय पड़ेगा भारी

इजरायल भी करने जा रहा गलती, आतंकियों को छोड़ने का निर्णय पड़ेगा भारी

अवर्गीकृत
- डॉ. मयंक चतुर्वेदी आतंकवादी अंत तक आतंकी ही रहता है, बहुत कम देखा गया है कि सुधार कैंपों में रहने के बाद उसकी सोच में परिवर्तन आता है, अक्सर दिखाई यही दिया है, खासतौर पर इस्लामी आतंकवाद और नक्सलवादी विचारधारा में कि वर्षों तक सुधार गृह में रहने के बाद भी इनका मानस नहीं बदलता। बाहर आते ही ये फिर से हिंसा के अपने पुराने रास्ते पर चल पड़ते हैं। वर्षों से भारत जो गलतियां कर रहा है, वही अब इजरायल करने जा रहा है, ऐसा लग रहा है। अभी इस घटना को बहुत दिन नहीं गुजरे हैं, भारत के मोस्ट वॉन्टेड अपराधी शाहिद लतीफ को पाकिस्तान के पंजाब में मार दिया गया। जब यह हुआ, तब भारत के संदर्भ में इसके आतंकी इतिहास की चर्चा भी होने लगी। तारीख 24 दिसंबर 1999, दिन शुक्रवार, काठमांडू से दिल्ली के लिए उड़े आईसी 814 विमान को हथियारबंद आतंकवादियों ने हाइजैक कर लिया था। इंडियन एयरलाइंस के इस विमान में 176 यात्री और...
हमास के खिलाफ है भारत, फिलिस्तीन के नहीं

हमास के खिलाफ है भारत, फिलिस्तीन के नहीं

अवर्गीकृत
- डॉ. प्रभात ओझा इजराइल पर हमास के हमले और फिर इजराइल की जवाबी कार्रवाई में एक पक्ष कमजोर पड़ गया है। वह पक्ष है फिलिस्तीन राष्ट्र का। निश्चित ही इस पक्ष को फिलिस्तीन आधारित हमास जैसे आतंकवादी संगठन ने कमजोर किया है। विडंबना यह है कि हमास अपने को फिलिस्तीन का उद्धारक मानता है और गाजा पट्टी के एक हिस्से पर उसका अधिकार भी है। ताजा घटनाक्रम में इजराइली सेनाओं ने गाजा को घेर रखा है। वहां रसद जैसी जरूरी आपूर्ति के साथ पानी तक की समस्या खड़ी हो गई है। अमानवीय हालात तो यह है कि केंद्रीय गाजा के अल अहली अस्पताल में रॉकेट अटैक में 500 से ज्यादा लोग मारे गए हैं। मरीजों के साथ यहां अन्य लोगों ने भी शरण ली थी। दिल हिला देने वाले इस हमले के बाद युद्ध का परिदृश्य बदल गया है। अमेरिकी राष्ट्रपति इजराइल यात्रा पर पहुंचे। जहां से वे जार्डन जाने वाले थे। वहां उनकी किंग अब्दुल्ला द्वितीय, मिस्र के राष्ट्रपति...
हमास के इजरायल पर हमले के मायने

हमास के इजरायल पर हमले के मायने

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- ललित मोहन बंसल इजरायल की सुरक्षा एजेंसियां गच्चा क्यों खा गयीं ? गाजा स्थित हमास आतंकवादियों ने अकस्मात इजरायल के दक्षिण में गाजा पट्टी के साथ लगी बस्तियों पर जमीनी हमले और तेल अवीव तथा यरुशलम की यहूदी बस्तियों पर एक साथ दो हजार राकेट दाग कर एक ‘निर्णायक’ युद्ध की दावत दे दी है। शनिवार तड़के जैसे ही इजरायली नींद से उठे, उन्हें अपने इर्द-गिर्द के शहरों और बस्तियों और खास कर देश के दक्षिणी हिस्से की क़रीब एक दर्जन उपनगरों से आ रही मातमी खबरों ने उद्धेलित कर दिया। इस हमले पर इजरायल के कुशल प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतान्याहू ने त्वरित कार्रवाई में हमास आतंकवादियों के विरुद्ध युद्ध की घोषणा कर दी। ये ही नेतान्याहू एक सप्ताह पूर्व अमेरिकी प्रस्ताव पर सऊदी अरब और इजरायल एक टेबल पर आने, मध्य पूर्व एशिया में शांति स्थापना के लिए गाजा में हमास आतंकवादियों को कुछेक रियायतें दिलवाने की कोशिश में जुटे...
एयर इंडिया ने दिल्ली से इजराइल के तेल अवीव जाने वाली उड़ानें रद्द की

एयर इंडिया ने दिल्ली से इजराइल के तेल अवीव जाने वाली उड़ानें रद्द की

देश, बिज़नेस
नई दिल्ली (New Delhi)। टाटा (Tata) की अगुवाई वाली एयर इंडिया एयरलाइन (Air India Airline) ने नई दिल्ली से तेल अवीव (New Delhi to Tel Aviv) जाने वाली उड़ानें रद्द (Canceling flights) कर दी है। एयरलाइन ने इजराइल के तेल अवीव पर हमास के हमला करने के बाद यह उड़ान रद्द की। कंपनी के प्रवक्ता ने शनिवार को जारी बयान में कहा कि यात्रियों और चालक दल के सदस्यों की सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए नई दिल्ली से तेल अवीव के लिए उड़ान संख्या एआई-139 और वापसी की उड़ान संख्या एआई-140 को रद्द कर दिया गया है। एयर इंडिया के प्रवक्ता ने बताया कि यात्रियों को उनकी जरूरत के अनुसार पूरा सहयोग किया जा रहा है। एयरलाइन की उड़ान संख्या एआई-139 भारतीय समय अनुसार दोपहर 3.35 बजे रवाना होनी थी। तेल अवीव से वापसी की उड़ान इजराइल के समय अनुसार रात 10.10 बजे थी। उल्लेखनीय है कि एयर इंडिया तेल अवीव के लिए पांच साप्ताहिक ...
इजरायल में सत्ता परिवर्तन, भारत के लिये मायने

इजरायल में सत्ता परिवर्तन, भारत के लिये मायने

अवर्गीकृत
- आर.के. सिन्हा भारत के मित्र बेंजामिन नेतन्याहू के इजराइल के आम चुनाव में जीत से भारत का प्रसन्न होना स्वाभाविक है। भारत-इजराइल संबंधों को नयी बुलंदियों पर लेकर जाने में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और बेंजामिन नेतन्याहू ने अबतक कई शानदार इबारतें लिखी है। दोनों नेताओं के बीच निजी मधुर संबंध स्थापित हो गये हैं जो अबतक कायम हैं। इसका लाभ यह हुआ कि दोनों देश तमाम क्षेत्रों में आपसी सहयोग करने लगे। प्रधानमंत्री मोदी ने इजराइल के आम चुनाव में अपने मित्र की विजय पर उन्हें बधाई देते हुए ट्वीट किया, "चुनाव में जीत पर मेरे प्रिय मित्र नेतन्याहू को बधाई। मैं भारत-इजरायल रणनीतिक साझेदारी को और अधिक प्रगाढ़ करने के लिए हमारे संयुक्त प्रयासों को जारी रखने के लिए उत्सुक हूं।" यह मानना होगा कि वैसे तो प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के इजरायल के निवर्तमान प्रधानमंत्री नफ्ताली बेनेट के साथ भी मधुर संबंध थे। द...
इजरायल में नेतन्याहू का पुनरोदय

इजरायल में नेतन्याहू का पुनरोदय

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- डा. वेदप्रताप वैदिक इजरायल में इन दिनों जितनी फुर्ती से सरकारें बनती और बिगड़ती हैं, दुनिया के किसी अन्य लोकतंत्र में ऐसे दृश्य देखने को नहीं मिलते। बेंजामिन नेतन्याहू लगभग डेढ़ साल बाद फिर दोबारा प्रधानमंत्री बन गए। उनका यह पुनरोदय असाधारण हैं। वे इजरायल के ऐसे पहले प्रधानमंत्री हैं, जो वहीं पैदा हुए हैं। उनसे पहले जो भी प्रधानमंत्री बने हैं, वे बाहर के किन्हीं देशों से आए हुए थे। जब 1948 में इजरायल का जन्म हुआ था, तब जर्मनी, फ्रांस, ब्रिटेन और अमेरिका आदि कई देशों के गोरे यहूदी लोग वहां आकर बस गए थे। उन्हीं में से एक का बेटा जो 1949 में जन्मा था, अब इजरायल का ऐसा प्रधानमंत्री है, जिससे ज्यादा लंबे काल तक कोई भी प्रधानमंत्री नहीं रहा। 47 साल की उम्र में इजरायल के प्रधानमंत्री बनने वाले वे सबसे कम उम्र के व्यक्ति थे। वे कई बार हारे और जीते। उन्हें दक्षिणपंथी माना जाता है। वे फौज के सिपाह...
इजरायल में भारत के मित्र की वापसी

इजरायल में भारत के मित्र की वापसी

अवर्गीकृत
- डॉ. दिलीप अग्निहोत्री इजरायल की भौगोलिक स्थिति संवेदनशील है। राजनीतिक अस्थिरता और कमजोर नेतृत्व से उसकी परेशानी बढ़ती है। इस तथ्य को वहां के लोगों ने समझा है। इसके चलते राजनीतिक संक्रमण काल का समापन हुआ। बेंजामिन नेतान्याहू की एक बार फिर सत्ता में वापसी हुई। पहले भी वह प्रधानमंत्री के रूप में इजरायल को मजबूत नेतृत्व प्रदान कर चुके हैं। फिलिस्तीन आतंकी संगठन हमास के हिंसक मंसूबों को वह नाकाम करते रहे है। इजरायल की एकता, अखंडता और सम्मान को बनाये रखने की उनमें दृढ़ इच्छाशक्ति रही है। फिर भी इसे इजरायल का आंतरिक मसला कहा जा सकता है। लेकिन नेतान्याहू का पुनः प्रधानमंत्री बनना भारत के भी हित में है। उन्होंने भारत की भौगोलिक स्थिति को समझा है। उसके अनुरूप विदेश नीति निर्धारित करने का साहस दिखाया है। पाकिस्तान और चीन भारत के पड़ोसी हैं। इनकी फितरत जगजाहिर है।पाकिस्तान में आतंकी संगठनों को संर...