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मप्र में चार चरण में होंगे लोकसभा चुनाव, आदर्श आचरण आचार संहिता प्रभावशील

मप्र में चार चरण में होंगे लोकसभा चुनाव, आदर्श आचरण आचार संहिता प्रभावशील

देश, मध्य प्रदेश
- प्रदेश में आदर्श आचरण संहिता का सख्ती से होगा पालन: मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी भोपाल (Bhopal)। भारत निर्वाचन आयोग (Election Commission of India) द्वारा लोकसभा निर्वाचन 2024 (lok sabha election 2024) की तारीखों की शनिवार को घोषणा कर दी गई है। मध्य प्रदेश (Madhya Pradesh) में 4 चरणों में चुनाव प्रक्रिया (Election process in 4 phases) संपन्न होगी। पहले चरण के लिए मतदान 19 अप्रैल, दूसरे चरण के लिए 26 अप्रैल, तीसरे चरण के लिए 7 मई और चौथे चरण के लिए मतदान प्रक्रिया 13 मई को सम्पन्न होगी। सभी चरणों की मतगणना के परिणाम एक साथ 4 जून 2024 को घोषित किए जाएंगे। प्रदेश के मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी अनुपम राजन ने शनिवार शाम को उक्त जानकारी देते हुए बताया कि लोकसभा चुनाव की तारीखों की घोषणा के साथ ही प्रदेश में आदर्श आचार संहिता भी पूरी तरह से प्रभावशील हो गई है, जिसका सख्ती से पालन कराया जाएगा। ...

मंकीपॉक्स से बचाव में होम्योपैथिक औषधियां कारगर

अवर्गीकृत
- डॉ. एमडी सिंह कोरोना अभी ठीक से खत्म नहीं हुआ है कि अब मंकीपॉक्स की दस्तक ने लोगों को एक नए खौफ में डाल दिया है। मंकीपॉक्स एक ऐसा वायरस है जो मनुष्य से मनुष्य में फैलता है। यानी अगर कोई व्यक्ति किसी संक्रमित के संपर्क में आता है तो उसे भी संक्रमित कर देता है। मंकीपॉक्स ने केंद्र और राज्यों की सरकारों के माथे पर चिंता की लकीरें खींच दी हैं। मंकीपॉक्स कोई नया रोग नहीं है। यह एक स्मॉल पॉक्स की फैमिली के वायरस द्वारा फैलने वाला संक्रामक रोग है। जिसे पहली बार डेनमार्क की एक प्रयोगशाला में प्रयोगों के लिए लाए गए दो बंदरों में 1958 में पाया गया। बंदरों के अतिरिक्त इसे चूहों और गिलहरियों को भी संक्रमित करते हुए पाया गया है। इन्हीं जानवरों से यह मनुष्य तक पहुंचा। वैसे तो यह कोविड-19 जैसे ही फैलने वाला संक्रामक रोग है, लेकिन भयभीत होने की नहीं इससे सतर्क रहने की जरूरत है। यह अब तक 78 देशों तक पह...

भारत में कितना घातक है मंकीपॉक्स, जानिए कैसे करें बचाव और क्‍या है इसके लक्षण

देश
नई दिल्‍ली । कोरोना का कहर झेल चुकी दुनिया मंकीपॉक्स संक्रमण (monkeypox infection) से एक बार फिर दशहत में है। अब तक 80 देशों में 16 हजार से ज्यादा लोग इसकी चपेट में आ चुके हैं पर विश्व स्वास्थ्य संगठन (World Health Organization) ने मंगलवार को कहा कि इसका संक्रमण तो संभव है लेकिन यह घातक नहीं। आमतौर पर इससे पीड़ित लोगों में बुखार, बदन दर्द, सूजन और शरीर पर मवाद से भरे घाव नजर आते हैं पर दो से चार हफ्ते के भीतर मरीज बिल्कुल ठीक हो जाता है। तो आइए जानते हैं कि इससे डरना कितना जरूरी है। यह कितना घातक -विश्व स्वास्थ्य संगठन के मुताबिक, किसी संक्रमित शख्स के नजदीकी संपर्क में आने से मंकीपॉक्स हो सकता है। हालांकि, यूरोपीय देशों में ज्यादातर पुरुषों के साथ यौन संबंध रखने वाले पुरुषों में यह संक्रमण देखा जा रहा है। -संक्रमित जानवरों जैसे बंदरों, चूहों और गिलहरियों से भी फैल सकता है। यह आमतौर पर...