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ईवीएम की आड़ में अपनी हार की पेशबंदी करने लगा विपक्ष

ईवीएम की आड़ में अपनी हार की पेशबंदी करने लगा विपक्ष

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- डॉ. आशीष वशिष्ठ मोदी विरोधी मोर्चा के नेता आजकल एक और कैंपेन कर रहे हैं। वो कह रहे हैं कि मोदी इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीन (ईवीएम) की वजह से जीतते हैं। वैसे ईवीएम को गलत ठहराने वाला राग तो पुराना है। 17 अप्रैल को कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी ने उत्तर प्रदेश के सहारनपुर में चुनाव प्रचार के दौरान दावा किया कि अगर ईवीएम से छेड़छाड़ न हो तो भाजपा 180 सीटों पर सिमट जाएगी। जो राजनीतिक दल और नेता पिछले पांच साल तक जमीन पर उतरे नहीं, आज जब उन्हें अपनी हार साफ तौर पर दिख रही है तो उन्होंने ईवीएम की हार में पेशबंदी शुरू कर दी है। आखिरकार अपनी गलतियों, कमियां और कमजोरियों का ठीकरा किसी के सिर तो फोड़ना ही है, ऐसे में बेजुबान ईवीएम से बेहतर विकल्प कोई दूसरा नहीं हो सकता। देश में आम चुनाव के पहले चरण की 102 लोकसभा सीटों पर 19 अप्रैल को मतदान हो चुका है। करोड़ों देशवासियों ने उन्हीं ईवीएम का बटन...
एशिया कप: चोट के कारण महेश थीक्षाना फाइनल से बाहर, अक्षर पटेल के कवर के रूप में वाशिंगटन सुंदर

एशिया कप: चोट के कारण महेश थीक्षाना फाइनल से बाहर, अक्षर पटेल के कवर के रूप में वाशिंगटन सुंदर

खेल
कोलंबो (Colombo)। श्रीलंका (Sri Lanka) के ऑफ स्पिनर महेश थीक्षाना (Off spinner Mahesh Theekshana) हैमस्ट्रिंग की चोट (hamstring injury) के कारण रविवार को भारत के खिलाफ एशिया कप फाइनल मुकाबले (Asia Cup final match) से बाहर हो गए हैं, जबकि भारतीय टीम (Indian team) ने बाएं हाथ के स्पिन ऑलराउंडर अक्षर पटेल (Spin all-rounder Akshar Patel) के कवर के रूप में ऑफ स्पिन ऑलराउंडर वाशिंगटन सुंदर (Washington Sundar) को बुलाया है। पाकिस्तान के खिलाफ सुपर फोर मैच के दौरान थीक्षाना की दाहिनी हैमस्ट्रिंग में खिंचाव आ गया था और अपने ओवरों का कोटा पूरा करने के बाद वह लड़खड़ाते हुए मैदान से बाहर चले गए थे। श्रीलंकाई चयनकर्ताओं ने थीक्षाना के स्थान पर सहान अराचिगे को टीम में शामिल किया है। श्रीलंकन क्रिकेट बोर्ड द्वारा एक बयान में कहा गया, “एक स्कैन के जरिये मांसपेशियों में चोट की पुष्टि हुई। थीक्षाना पु...
भारतीय संस्कृति के आच्छादन में सभी अपने हैं

भारतीय संस्कृति के आच्छादन में सभी अपने हैं

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- हृदयनारायण दीक्षित ऋतुराज बसंत मदन गंध बिखेर कर चलते बने। होली का रस रंग अभी ताजा है। अब भारतीय नवसम्वत्सर का उल्लास। यह रस गहरा है। देवी उपासना के नवरात्र उत्सवों की धूम है। भारत का मन उत्सवधर्मा हो गया है। कालरथ के घोड़ों की पगध्वनियां सुनाई पड़ रही हैं। काल पुरुष नृत्यमगन है। यह सबको नचाता है, स्वयं भी नाचता है। यह काल सबके भीतर है और बाहर से भी सबका आच्छादन करता है। ऋग्वेद में यह तीन धूरियों वाला है। पृथ्वी अंतरिक्ष और द्युलोक तीन नामियाँ हैं। अथर्ववेद के ऋषि भृगु से लेकर महाभारत के रचनाकार व्यास तक कालबोध और कालदर्शन की प्राचीन परम्परा है। काल के प्रभाव में वायु प्रवाह है। काल से ही आयु है। काल में जीवन और काल में मृत्यु। कालरथ किसी को नहीं छोड़ता। जीवन देता है, लहकाता है। जराजीर्ण करता है। जीवन का अवसान भी करता है। काल अखण्ड सत्ता है। भूत भविष्य और वर्तमान हम सबने अपनी मन तरंग में रच...