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ब्रिटेन की अदालत ने नीरव मोदी की जमानत याचिका खारिज की

ब्रिटेन की अदालत ने नीरव मोदी की जमानत याचिका खारिज की

विदेश
लंदन (London)। भारत का भगोड़ा हीरा कारोबारी (India's fugitive diamond merchant) नीरव मोदी (Nirav Modi) को ब्रिटेन की अदालत (British court) ने एक और झटका देते हुए उसकी नई जमानत याचिका को खारिज (New bail petition rejected) कर दिया। ज्ञात रहे कि नीरव मोदी भारत से धोखाधड़ी करके भागने के बाद से पिछले पांच साल से लंदन की जेल में बंद है। ब्रिटेन की अदालत ने उसकी जमानत याचिका यह कहते हुए खारिज किया कि उसे न्याय की पकड़ से भागने का ‘काफी खतरा’ है। हीरा व्यापारी नीरव (52) भारत में धोखाधड़ी और धनशोधन के आरोपों का सामना कर रहा है और भारत को प्रत्यर्पित करने के खिलाफ अपना मुकदमा हार गया था। लंदन में वेस्टमिंस्टर मजिस्ट्रेट अदालत में उसके द्वारा दाखिल की गई जमानत अर्जी पर सुनवाई के दौरान वह उपस्थित नहीं हुआ लेकिन उसका बेटा और दो बेटियां मौजूद थे। जिला न्यायाधीश जॉन जानी ने उसकी कानूनी टीम की इस दल...
ब्रिस्बेन इंटरनेशनल टेनिस टूर्नामेंट से कोर्ट में वापसी करेंगे राफेल नडाल

ब्रिस्बेन इंटरनेशनल टेनिस टूर्नामेंट से कोर्ट में वापसी करेंगे राफेल नडाल

खेल
मैड्रिड। 22 बार के ग्रैंड स्लैम चैंपियन राफेल नडाल जनवरी में ऑस्ट्रेलिया में ब्रिस्बेन इंटरनेशनल टेनिस टूर्नामेंट से कोर्ट में वापसी करेंगे। नडाल ने शुक्रवार को सोशल मीडिया के जरिये उक्त जानकारी दी। नडाल ने सोशल मीडिया पर पोस्ट किए गए एक वीडियो में कहा, "एक साल तक प्रतिस्पर्धा न करने के बाद, अब वापस आने का समय आ गया है। यह जनवरी के पहले सप्ताह में ब्रिस्बेन में होगा। वहां मिलते हैं।" 37 वर्षीय स्पेनिश दिग्गज को पिछले जनवरी में ऑस्ट्रेलियन ओपन के दूसरे दौर में कूल्हे के फ्लेक्सर में चोट लग गई थी और उन्हें हार का सामना करना पड़ा था, तब से वह टेनिस कोर्ट से दूर हैं। मई में, फ्रेंच ओपन की शुरुआत से एक सप्ताह से थोड़ा अधिक पहले, नडाल ने घोषणा की कि वह उस टूर्नामेंट को मिस करेंगे जिसे उन्होंने रिकॉर्ड 14 बार जीता है और यह बिल्कुल निश्चित नहीं था कि वह खेलने के लिए कब लौटेंगे। नडाल ने...
शारदीय नवरात्र, न्यायालय और हिंसा से मुक्ति की उम्मीद

शारदीय नवरात्र, न्यायालय और हिंसा से मुक्ति की उम्मीद

अवर्गीकृत
- डॉ. मयंक चतुर्वेदी कलकत्ता हाई कोर्ट का शारदीय नवरात्र स्थापना स्थान को लेकर जिस प्रकार का निर्णय आया है उसने आज एक नई उम्मीद जगाई है। भारत जैसे सर्वपंथ सद्भाव वाले देश में अनेक घटनाएं अब तक घट चुकी हैं, जब मजहब, पंथ, रिलीजन की आड़ लेकर न जाने कितनी ही हिंसा, तोड़फोड़, आगजनी जैसी वारदातें और अब तक न जाने कितने बेगुनाहों को अपनी जान तक गंवानी पड़ी है । पश्चिम बंगाल जैसी सरकार जोकि कई बार अपने निर्णयों से यह साबित कर चुकी है कि उसका झुकाव एक धर्म विशेष के प्रति है। वह जब चाहती है बहुसंख्यक समाज के धार्मिक आयोजनों को होने से रोक देती है, उनके स्थान बदल देती है। हां ; जिसे छूट देनी होती है उसे छूट जरूर वह दे देती है और जिन्हें नहीं देनी है उसके लिए तमाम नियम आड़े आ जाते हैं। अब तक इन परिस्थितियों में यह कई बार हुआ है कि न्याय पाने के लिए बहुसंख्यक समाज को कोर्ट की शरण लेनी पड़ी है। इस बार ...
पाकिस्तान अदालत की शरण में

पाकिस्तान अदालत की शरण में

अवर्गीकृत
- डॉ. वेदप्रताप वैदिक भारत और पाकिस्तान के बीच अब ऐसे मामले पर विवाद उठ खड़ा हुआ है, जिसे सारी दुनिया के देश एक आदर्श संधि मानते रहे हैं। अब से 62 साल पहले जवाहरलाल नेहरू और अयूब खान के प्रयत्नों से सिंधु नदी के पानी को लेकर दोनों देशों के बीच सिंधु जल संधि हुई थी, उसका पालन कई युद्धों के दौरान भी होता रहा लेकिन भारत ने अब संधि के नियमों का हवाला देते हुए इसके प्रावधानों को बदलने की पहल की है। भारत ने पाकिस्तान को 90 दिन का नोटिस दिया है कि दोनों देश मिलकर अब संधि के मूलपाठ में संशोधन करें। संशोधन क्या-क्या हो सकते हैं, यह भारत सरकार ने अभी स्पष्ट नहीं किया है लेकिन जाहिर है कि वह ऐसे नियम अब बनाना चाहेगी कि जैसा तूल इस संधि ने अभी पकड़ा है, वैसा भविष्य में दोहराया न जाए। अभी भारत और पाकिस्तान के बीच जो विवाद चला है, वह इस बात पर है कि पाकिस्तान ने भारत की शिकायत हेग के अंतरराष्ट्रीय न्याय...
अदालत और सरकार की मुठभेड़

अदालत और सरकार की मुठभेड़

अवर्गीकृत
- डॉ. वेदप्रताप वैदिक हमारे सर्वोच्च न्यायालय और केंद्र सरकार के बीच जजों की नियुक्ति पर जो खींचातानी चल रही थी, वह खुले-आम बाजार में आ गई है। सर्वोच्च न्यायालय के चयन-मंडल ने सरकार को जो नाम भेजे थे, उनमें से कुछ पर सरकार ने कई आपत्तियां की थीं। इन आपत्तियों को प्रायः गोपनीय माना जाता है लेकिन सर्वोच्च न्यायालय ने उन्हें जग-जाहिर कर दिया है। इस कदम से यह भी पता चलता है कि भारत में किसी भी उच्च पद पर नियुक्त होनेवाले जजों की नियुक्ति में कितनी सावधानी से काम लिया जाता है। इस बार यह सावधानी जरा जरूरत से ज्यादा दिखाई पड़ी है, क्योंकि एक जज को इसलिए नियुक्त नहीं किया जा रहा है कि वह समलैंगिक है और दूसरे जज को इसलिए कि उसने ट्वीट पर कई बार सरकारी नीतियों का दो-टूक विरोध किया है। जहां तक दूसरे जज का सवाल है, सरकार की आपत्ति से सहमत होना ज़रा मुश्किल है। क्या सोमशेखर सुंदरेशन ने वे सरकार विरोधी ...
धनखड़: संसद बड़ी या अदालत ?

धनखड़: संसद बड़ी या अदालत ?

अवर्गीकृत
- डॉ. वेदप्रताप वैदिक उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ ने भारतीय न्यायपालिका को दो-टूक शब्दों में चुनौती दे दी है। वे संसद और विधानसभाओं के अध्यक्षों के 83 वें सम्मेलन को संबोधित कर रहे थे। वे स्वयं राज्यसभा के सभापति हैं। आजकल केंद्र सरकार और सर्वोच्च न्यायालय के बीच जजों की नियुक्ति को लेकर लंबा विवाद चल रहा है। सर्वोच्च न्यायालय का चयन-मंडल बार-बार अपने चुने हुए जजों की सूची सरकार के पास भेजता है लेकिन सरकार उस पर ‘हां’ या ‘ना’ कुछ भी नहीं कहती है। सर्वोच्च न्यायालय का कहना है कि सरकार का यह रवैया अनुचित है, क्योंकि 1993 में जो चयन-मंडल (कालेजियम पद्धति) तय हुई थी, उसके अनुसार यदि चयन-मंडल किसी नाम को दुबारा भेज दे तो सरकार के लिए उसे शपथ दिलाना अनिवार्य होता है। इस चयन-मंडल में पांचों चयनकर्ता सर्वोच्च न्यायालय के जज ही होते हैं। और कोई नहीं होता। इस पद्धति में कई कमियां देखी गईं। उसे बदलने क...
मलेशिया ओपन से कोर्ट में वापसी करेंगी पीवी सिंधु

मलेशिया ओपन से कोर्ट में वापसी करेंगी पीवी सिंधु

खेल
नई दिल्ली (New Delhi)। भारतीय स्टार महिला बैडमिंटन खिलाड़ी (Indian star female badminton player) पीवी सिंधु ( PV Sindhu) पांच महीने बाद मंगलवार से शुरु हो रहे मलेशिया ओपन (Malaysia Open) से कोर्ट में वापसी (Back on court) करेंगी। सिंधु टखने की चोट के कारण पांच महीने से बैडमिंटन कोर्ट से दूर थीं। उन्होंने आखिरी बार अगस्त में राष्ट्रमंडल खेलों में प्रतिस्पर्धा की थी। 2022 के अत्यधिक सफल होने के बाद, सिंधु 2023 में अपने स्तर को और ऊपर ले जाने की उम्मीद करेंगी। इस साल मई में पेरिस ओलंपिक योग्यता अवधि भी शुरू होगी। डबल ओलंपिक पदक विजेता सिंधु, जो टखने की चोट से वापसी कर रही हैं, 1,250,000 डॉलर के सुपर 1000 टूर्नामेंट मलेशिया ओपन में अपने अभियान की शुरुआत स्पेन की पूर्व विश्व चैंपियन कैरोलिना मारिन के खिलाफ करेंगी। मारिन के खिलाफ सिंधु की एक दिलचस्प लड़ाई होगी, मारिन ने सिंधु के खिलाफ पिछले ...
मप्र हाई कोर्ट ने सहारा प्रमुख सुब्रतो राय को कोर्ट में हाजिर होने का दिया आदेश

मप्र हाई कोर्ट ने सहारा प्रमुख सुब्रतो राय को कोर्ट में हाजिर होने का दिया आदेश

देश, मध्य प्रदेश
भोपाल। मध्य प्रदेश हाई कोर्ट (Madhya Pradesh High Court) ने सहारा प्रमुख सुब्रतो राय (Sahara Chief Subroto Rai) को कोर्ट में हाजिर होने का आदेश दिया है। कोर्ट ने उनके खिलाफ पांच लाख रुपये का जमानती वारंट (Bailable warrant of five lakh rupees) भी जारी किया है। सागर के तीन लोगों ने निवेश की मैच्योरिटी के बाद भी 25 लाख रुपये नहीं लौटाने पर कोर्ट में याचिका लगाई थी। कोर्ट ने जनवरी के दूसरे सप्ताह में सुब्रतो राय को हाजिर होने को कहा है। सहारा में निवेश करने वाले सागर निवासी विष्णु प्रसाद साहू, बाघ बाई साहू और ऋषिकांत साहू ने मध्यप्रदेश हाई कोर्ट में सहारा प्रमुख सुब्रतो राय के खिलाफ याचिका दायर की थी, जिस पर सोमवार को सुनवाई हुई। कोर्ट ने सहारा निवेशकों के पक्ष में सुनवाई करते हुए सहारा समूह के प्रमुख सुब्रतो राय सहारा को पांच लाख रुपये का जमानती वारंट जारी किया है। इसके साथ ही कोर्ट ने कहा ह...

सत्येंद्र जैन को कोर्ट का झटका, कहा- मनी लॉन्ड्रिंग में शामिल होने के ईडी के पास पर्याप्त सबूत

देश
नई दिल्‍ली । दिल्ली के स्वास्थ्य मंत्री (health minister) रहे सत्येंद्र जैन (Satyendra Jain) को मनी लॉन्ड्रिंग मामले (money laundering cases) में कोर्ट से बड़ा झटका लगा है. प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने इस मामले में चार्जशीट दायर की थी. इस पर टिप्पणी करते हुए दिल्ली की एक अदालत (court) ने कहा है कि सत्येंद्र जैन के मनी लॉन्ड्रिंग में शामिल होने के पर्याप्त सबूत हैं. इसके बाद सत्येंद्र जैन पर ईडी का शिकंजा और कस सकता है. ईडी के सबूत से कोर्ट संतुष्ट हालांकि दिल्ली की राउज एवेन्यू कोर्ट ने इस चार्जशीट को लेकर ईडी को कई बातों के लिए कड़ी फटकार भी लगाई है. वहीं कोर्ट ने सुनवाई के दौरान कहा कि ईडी ने सत्येंद्र जैन के खिलाफ जो सबूत पेश किए हैं, कोर्ट उनसे संतुष्ट है. ये सबूत मनी लॉन्ड्रिंग में सत्येंद्र जैन की संलिप्तता दिखाने के लिए पर्याप्त है. ? कोर्ट ने अपने आदेश में कहा है- जो सबूत रिकॉर्ड प...