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समझने की जरूरत है ‘ऑनलाइन’ धर्मांतरण का ‘गेम’

समझने की जरूरत है ‘ऑनलाइन’ धर्मांतरण का ‘गेम’

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- मृत्युंजय दीक्षित ऑनलाइन गेमिंग ऐप वैसे तो कई प्रकार से समाज के लिए नुकसानदेह है किन्तु कट्टरपंथी इस्लामिक तत्वों द्वारा इनका प्रयोग धर्मांतरण के लिए किया जाना एक बड़े दुश्चक्र के रूप में सामने आया है । इसका खुलासा विस्मय करने वाला है। पुलिस के हत्थे चढ़े मुख्य आरोपित शहनवाज खान उर्फ बद्दो के साथ तौफीक और आर्यन खान से पूछताछ हो रही है। यह पूरा गिरोह है। इसका खुलासा करने में गाजियाबाद जिले के पुलिस अधिकारियों की भूमिका सराहनीय है। इस गिरोह ने गाजियाबाद के राजनगर के एक किशोर को इस गेम की आड़ में मस्जिद में नमाज पढ़ने तक के लिए मजबूर कर दिया। उसे यह घुट्टी पिलाई गई कि इस्लाम दुनिया का सबसे बेहतर धर्म है। इस किशोर ने दो साल पहले बद्दो से कंप्यूटर के कुछ पार्ट खरीदे थे। इस इंटर पास छात्र के ऑनलाइन गेमिंग ऐप से धर्मांतरण के मामले में पुलिस ने जामा मस्जिद कमेटी के सदस्य अब्दुल रहमान उर्फ नन्नी...
झकझोर देती है ‘द केरला स्टोरी’

झकझोर देती है ‘द केरला स्टोरी’

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- प्रीति जैन फिल्म 'द केरला स्टोरी' में धर्मांतरण का जो मुद्दा उठाया गया है, वह विषय फिल्म के रूप में तो नया है लेकिन यह मुद्दा बहुत लंबे समय से केरल में हिंदू आबादी को लील रहा है। आखिरकार फिल्मकार सुदीप्तो सेन को लगातार नजरअंदाज किए जा रहे गंभीर विषय पर अपनी चुप्पी तोड़नी पड़ी और उन्होंने इस फिल्म में उस सच को दिखाया है जो कश्मीर फाइल्स की तरह ही भारत का एक सच है। इस्लाम के कट्टरपंथियों ने पुरजोर कोशिश की है कि केरल को इस्लामिक स्टेट में बदल दिया जाए और फिर अपने पूर्वज आक्रमणकारियों की भांति भारत को इस्लामिक देश बनाने के मंसूबों को कामयाब किया जाए। उनकी यह कोशिश सालों की मेहनत के बाद भी उस तरह रंग नहीं ला पा रही हैं जिस तरह द्रुतगति से वे प्रयास कर रहे हैं। भारत की संस्कृति, संस्कार इतने मजबूत हैं कि उसकी नींव को आसानी से खोद कर उसकी जड़ें उखाड़ फेंकना, लोहे के चने चबाने जैसा है। लेकिन...
धर्मांतरण से उबलता जनजातीय समाज

धर्मांतरण से उबलता जनजातीय समाज

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- प्रवीण गुगनानी छत्तीसगढ़ का बस्तर संभाग विशेषतः नारायणपुर जिला पुनः अस्थिर, अशांत और अनमना सा है। सदा की तरह कारण वही है- धर्मांतरण। वैसे तो समूचा छत्तीसगढ़ ही धर्मांतरण और मसीही आतंक से पीड़ित है। बस्तर संभाग में यह दंश कुछ अधिक है। सदा की तरह कारण स्थानीय जनजातीय समाज की परम्पराओं, मान्यताओं, पूजा परंपरा, देव परंपरा आदि आदि पर हमला। छत्तीसगढ़ के जनजातीय समाज पर सतत हो रहे हमले और उनके धर्मांतरण को लेकर दो छत्तीसगढ़ी लोकोक्तियां ध्यान आती हैं-खाँड़ा गिरै कोंहड़ा माँ, त कोंहड़ा जाय। -- कोंहड़ा गिरै खाँड़ा माँ, त कोंहड़ा जाय। अर्थात कुल्हाड़ी गिरे कुम्हड़े पर गिरे, या, तो कुम्हड़ा कुल्हाड़ी पर गिरे, कटता तो कुम्हड़ा ही है। छत्तीसगढ़ में जनजातीय समाज की स्थिति शत प्रतिशत कुम्हड़े के समान हो गई है और कुल्हाड़ी की भूमिका में है यहां बलात धर्मांतरण कराने वाला मसीही समाज और मसीही समाज की परम सहयोगी बघ...