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जाति के इर्द-गिर्द घूमती भारतीय राजनीति

जाति के इर्द-गिर्द घूमती भारतीय राजनीति

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- अरुण कुमार दीक्षित भारतीय राजनीति में जाति की बड़ी अहमियत है। हालांकि अधिकांश महापुरुष जाति विहीन भारत के निर्माण के पक्ष में थे। वे जातिवाद को बेहद खतरनाक मानते थे और कई मौकों पर यह बात उन्होंने कही भी। जाति तोड़ो अभियानों में वे निरंतर जुटे रहे लेकिन जाति की जड़ों को हिला नहीं पाए। इसकी वजह यह रही कि उस समय जातियों का उभार तत्कालीन राजनीति कर रही थी। धीरे-धीरे यह जातीय उभार राजनीतिक गुटों, गिरोहों और वर्गों की शक्ल लेता गया और गांधी, लोहिया तथा अंबेडकर के सपने धराशायी हो गए। आज भारत की राजनीति में जाति सम्मेलनों की बहुलता बढ़ी है। वर्गों का आधिपत्य बढ़ा है । सभी जातियों-वर्गों के अपने नेता हैं । वह जातीय सम्मेलन करते हैं। सत्तारूढ़ दलों के नेता भी अपने स्तर पर जातीय उभार को मजबूती देते हैं। राजनीति दलों के बॉयलॉज की बात करें तो उसमें एक बात समान होती है कि राजनीतिक दल सर्व समाज के लिए ...
भारत की आर्थिक विकास दर 7 प्रतिशत के आसपास रहने की सम्भावना

भारत की आर्थिक विकास दर 7 प्रतिशत के आसपास रहने की सम्भावना

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- प्रहलाद सबनानी वित्तीय वर्ष 2023-24 में भारत की आर्थिक विकास दर लगभग 7 प्रतिशत के आसपास रहने की प्रबल सम्भावनाएं बन रही हैं। इस वर्ष की प्रथम तिमाही, अप्रैल-जून 2023, में आर्थिक विकास दर 7.8 प्रतिशत की रही है, वहीं द्वितीय तिमाही, जुलाई- सितम्बर 2023 में 7.6 प्रतिशत की रही है। इसी प्रकार, दीपावली त्यौहार पर लगभग 4 लाख करोड़ रुपए के व्यापार के चलते एवं अक्टूबर 2023 माह में विनिर्माण के क्षेत्र में विकास दर के 12 प्रतिशत से ऊपर रहने से इस वर्ष की तृतीय तिमाही, अक्टूबर-दिसम्बर 2023, में भी आर्थिक विकास 7 प्रतिशत रह सकती है। इससे पूरे वित्तीय वर्ष 2023-24 में भी आर्थिक विकास दर 7 प्रतिशत रहने की प्रबल संभावनाएं बन रही हैं। जबकि, विश्व के कई अन्य विकसित देशों में मंदी की सम्भावना व्यक्त की जा रही है। इस प्रकार भारत वर्ष 2023 में भी लगातार विश्व की सबसे तेज गति से विकास करती अर्थव्यवस...
पर्यटन के आगे-पीछे घूमती दुनिया

पर्यटन के आगे-पीछे घूमती दुनिया

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- रमेश सर्राफ धमोरा किसी भी देश की अर्थव्यवस्था में पर्यटन का बड़ा योगदान होता है। यह उद्योग लाखों लोगों को प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष रूप से रोजगार उपलब्ध करा रहा है। पर्यटन स्थलों पर देश-विदेश से आने वाले पर्यटक परिवहन साधनों से लेकर होटल, रेस्तरां और पर्यटन स्थलों के टिकट पर व्यय करते हैं। जिससे राजस्व की बढ़ोतरी होती है। घूमने का शौक रखने वाले नए-नए पर्यटन स्थलों की खोज में रहते हैं। पर्यटन को बढ़ावा देने, पर्यटकों को आकर्षित करने और जागरूकता बढ़ाने के लिए हर वर्ष विश्व पर्यटन दिवस मनाया जाता है। आज हर देश की पहली जरूरत अर्थव्यवस्था को मजबूत करना है। कई देशों की अर्थव्यवस्था पर्यटन उद्योग के इर्द-गिर्द घूमती है। यूरोपीय देश, तटीय अफ्रीकी देश, पूर्वी एशियाई देश, कनाड़ा, आस्ट्रेलिया आदि ऐसे देश है। जहां पर पर्यटन उद्योग से प्राप्त आय वहां की अर्थव्यवस्था को मजबूती प्रदान करती है। पर्यटन सिर्फ ...