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आरबीआई ने पेमेंट कंपनी ‘पेयू’ को नए ग्राहक जोड़ने की मंजूरी दी

आरबीआई ने पेमेंट कंपनी ‘पेयू’ को नए ग्राहक जोड़ने की मंजूरी दी

देश, बिज़नेस
- पेयू को ‘पेमेंट एग्रीगेटर’ के रूप में काम करने की सैद्धांतिक मंजूरी नई दिल्ली (New Delhi)। रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया (आरबीआई) (Reserve Bank of India (RBI) ) ने वित्तीय प्रौद्योगिकी कंपनी पेयू (financial technology company PayU) को लगभग 15 महीने के बाद ‘पेमेंट एग्रीगेटर’ ('payment aggregator') के तौर पर काम करने की सैद्धांतिक मंजूरी दी है। कंपनी ने बुधवार को जारी एक बयान में कहा कि रिजर्व बैंक ने प्रोसस बैक्ड फिनटेक फर्म पेयू को पेमेंट एग्रिगेटर (पीए) के रूप में काम करने और नए मर्चेंट्स को फिर से जोड़ने के लिए सैद्धांतिक मंजूरी दी है। इन प्रिंसिपल (सैद्धांतिक) मंजूरी फाइनल लाइसेंस नहीं होता लेकिन कंपनियां इसके जरिए 6 से 12 महीने तक काम कर सकती है। पेयू सैद्धांतिक मंजूरी मिलने के साथ ही अब नए कारोबारियों को डिजिटल भुगतान सेवाएं प्रदान करने के लिए अपने साथ जोड़ सकती है। कंपनी के मुख्य ...
एयर इंडिया जून तक अपने बेडे़ में पांच और ए350 विमान करेगी शामिल: विल्सन

एयर इंडिया जून तक अपने बेडे़ में पांच और ए350 विमान करेगी शामिल: विल्सन

देश, बिज़नेस
नई दिल्ली (New Delhi)। टाटा की अगुवाई वाली एयर इंडिया एयरलाइंस (Tata-led Air India Airlines) जून तक अपने बेड़े में पांच और ए350 विमानों (Five more A350 aircraft) को शामिल करेगी। इसके साथ ही 40 पुराने बोइंग 787 और 777 विमानों (40 old Boeing 787 and 777 aircraft) को उन्नत करने की प्रक्रिया जुलाई में शुरू की जाएगी। एयर इंडिया के मुख्य कार्यपालक अधिकारी (सीईओ) एवं प्रबंध निदेशक (एमडी) ने गुरुवार को यह जानकारी दी है। कैंपबेल विल्सन ने जारी बयान कहा कि वर्ष 2024 में औसतन हर छह दिन में एक विमान एयरलाइन के बेड़े में शामिल होगा। सीईओ विल्सन ने कर्मचारियों को भेजे एक संदेश में कहा कि एयर इंडिया के बेड़े में पांच और ए350 विमान शामिल होंगे, जो जनवरी से जून के बीच उड़ान भरना शुरू कर देंगे। एयरलाइन ने 22 जनवरी को मुंबई से चेन्नई की उड़ान के साथ अपने पहले ए350 विमान का वाणिज्यिक परिचालन शुरू कर दिय...

जो टूटा न हो,उसे जोड़ने का क्या औचित्य?

अवर्गीकृत
- सियाराम पांडेय 'शांत' भारत ने महात्मा गांधी की दांडी यात्रा से लेकर आज तक अनेक राजनीतिक यात्राएं देखी हैं। दांडी यात्रा को अपवाद मानें तो शेष राजनीतिक यात्राएं देशहित के कितनी करीब रहीं,उससे देश का कितना भला हुआ,यह किसी से छिपा नहीं है। चाहे 1982 की एनटी रामाराव की चैतन्य रथम यात्रा रही हो या फिर लालकृष्ण आडवाणी की सोमनाथ से शुरू हुई राम रथयात्रा। वाई.एस.राजशेखर रेड्डी की 2004 की यात्रा रही हो या फिर उनके पुत्र जगह मोहन रेड्डी की 2017 की राजनीतिक यात्रा और पूर्व प्रधानमंत्री चंद्रशेखर की यात्रा,सबके अपने राजनीतिक अभीष्ठ रहे हैं। इसका लाभ उक्त राजनीतिक दलों को तो मिला लेकिन जनता को तो छलावे के सिवा कुछ भी नहीं मिला। ऐसे में राहुल गांधी की भारत जोड़ो यात्रा कोई बड़ा निर्णायक चमत्कार करेगी, इसकी परिकल्पना तो नहीं की जा सकती। पूर्व कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी अपनी इस यात्रा में भारत को जोड़े...