Monday, May 20"खबर जो असर करे"

रुपये में मजबूती जारी, निचले स्तर से भारतीय मुद्रा में 1.35 रुपये की रिकवरी

नई दिल्ली। सिर्फ 2 सप्ताह पहले डॉलर के मुकाबले (against dollar) रिकॉर्ड लो लेवल (record low level ) पर पहुंच चुके रुपये ( rupee) ने शानदार तेजी (spectacular rise) दिखाई है। इस तेजी की बदौलत रुपया 19 जुलाई के रिकॉर्ड लो लेवल 80.06 रुपये प्रति डॉलर के स्तर से अभी तक 1.35 रुपये प्रति डॉलर की मजबूती (Strengthening by Rs 1.35 per dollar) हासिल कर चुका है। आज भारतीय मुद्रा 31 पैसे की मजबूती के साथ डॉलर के मुकाबले 78.71 रुपये (अस्थाई) के स्तर पर बंद हुई।

इंटर बैंक फॉरेन सिक्योरिटी एक्सचेंज में भारतीय मुद्रा ने आज 10 पैसे की तेजी के साथ 78.96 रुपये प्रति डॉलर के कारोबार की शुरुआत की। कारोबार शुरू होने के बाद से ही रुपया लगातार मजबूत होता गया। शुरुआती सौदों में 78.94 के स्तर पर डॉलर की बोली लगाई गई, जो धीरे-धीरे गिरते हुए दोपहर 1 बजे तक 78.56 के स्तर तक पहुंच गई।

इंट्रा-डे कारोबार में रूपया उस समय तक डॉलर के मुकाबले 50 पैसे की मजबूती हासिल कर चुका था। हालांकि कारोबार के दूसरे सत्र में विदेशी निवेशकों द्वारा शेयर बाजार में बिकवाली का दबाव बढ़ा दिया जाने के कारण मुद्रा बाजार में डॉलर की मांग में थोड़ा इजाफा हुआ, जिसकी वजह से भारतीय मुद्रा दिन के सर्वोच्च स्तर पर कायम नहीं रह सकी और नीचे फिसल कर 31 पैसे की मजबूती के साथ 78.71 रुपया प्रति डॉलर (अस्थाई) के स्तर पर आज के कारोबार का अंत किया।

मार्केट एक्सपर्ट मयंक मोहन के मुताबिक रुपये ने मुख्य रूप से पिछले तीन कारोबारी दिनों के दौरान जबरदस्ती तेजी हासिल की है। इस दौरान डॉलर इंडेक्स में भी 0.22 प्रतिशत की गिरावट दर्ज की गई है, जिसकी वजह से डॉलर इंडेक्स कमजोर होकर 105.21 के स्तर पर पहुंच गया है। डॉलर इंडेक्स में आई कमजोरी का फायदा रुपये की मजबूती के रूप में साफ नजर आ रहा है। इसके साथ ही रुपये को कच्चे तेल की कीमत में आई गिरावट से भी सपोर्ट मिला है।

मयंक मोहन का कहना है कि घरेलू शेयर बाजार में पिछले कुछ दिनों के दौरान विदेशी निवेशकों की नेट बायर (खरीदार) के रूप में हुई वापसी से भी रुपये को सहारा मिला है। विदेशी निवेशकों की खरीदारी से मुद्रा बाजार में डॉलर के प्रवाह में बढ़ोतरी हो गई है। हालांकि उनका मानना है कि रुपये की कीमत में पिछले तीन कारोबारी दिनों के दौरान आई जोरदार तेजी को लेकर अधिक उत्साहित नहीं होना चाहिए, क्योंकि वैश्विक परिस्थितियां अनुकूल होते ही डॉलर इंडेक्स में एक बार फिर तेजी आ सकती है। ऐसा होने पर रुपये की कीमत भी गिरेगी। (एजेंसी, हि.स.)