Friday, May 17"खबर जो असर करे"

मप्रः जबलपुर-इटारसी रेलवे ट्रैक पर ओएचई केबल टूटी, छह घंटे बंद रहा रूट

– 12 से ज्यादा ट्रेनों को अलग-अलग स्टेशनों पर रोका

भोपाल (Bhopal)। जबलपुर-इटारसी रेलवे ट्रैक (Jabalpur-Itarsi Railway Track) पर गुरुवार शाम को ओएचई केबल टूट (OHE cable broke) गई। ओएचई तार टूटने से लगभग ट्रेनों के पहिए थम गए। इस घटना से इटारसी की ओर जाने वाली ट्रेनें प्रभावित हुई। 12 से ज्यादा ट्रेनों को रोकना पड़ा। इसके अलावा लंबी दूरी की कुछ अन्य ट्रेनों को भी जबलपुर से श्रीधाम के बीच अलग-अलग स्टेशन में खड़े कर दिया गया। इससे यात्री परेशान हुए। लगभग पांच से छह घंटे तक मरम्मत कार्य हुआ। उसके बाद जबलपुर-इटारसी के बीच ट्रेनों की आवाजाही सामान्य हुई।

घटना नरसिंहपुर जिला मुख्यालय से 55 किलोमीटर दूर सालीचौका रेलवे स्टेशन (Salichauka Railway Station) के पास हुई। जानकारी के अनुसार, गुरुवार शाम करीब साढ़े पांच बजे दानापुर से पुणे की ओर जाने वाली 01106 समर स्पेशल एक्सप्रेस (01106 Summer Special Express) के इंजन का ऊपरी हिस्सा ओएचई तार में फंस गया, जिसके बाद ओएचई केवल टूट गई। ओएचई केवल टूटने से रेलवे यातायात प्रभावित हो गया। इस रूट का अप ट्रैक ठप हो गया। जानकारी मिलते ही रेलवे प्रशासन लाइन को बहाल करने के काम में जुट गया। जबलपुर से इटारसी जाने वाला अप ट्रैक शाम 5.30 बजे से बंद कर दिया गया, जिसके कारण जबलपुर से इटारसी जाने वाली कई ट्रेनें प्रभावित हुई।

इस तार से ही ट्रेनों को चलाने के लिए विद्युत आपूर्ति होती है। यह लगभग 25 हजार केवी की विद्युत लाइन है। तार टूटकर आपस में टकराने से तेज चिंगारी निकली। उस समय आसपास कोई नहीं था, जिससे बड़ी दुर्घटना नहीं हो पाई। इस घटना में कोई कोई जनहानि नहीं हुई है। रेल प्रशासन के अनुसार, पिपरिया, बोहानी और इटारसी से टॉवर वैन बुलाकर लाइन को सुधार कार्य किया गया। करीब छह घंटे में सुधार कार्य पूरा होने के बाद ट्रेनों का संचालन भी सुचारू कर दिया गया है।

घटना के बाद तेज गर्मी होने व कई घंटों तक ट्रेन रूके होने के चलते प्यास के कारण यात्री परेशान दिखाई दिए, वही सबसे ज्यादा हालत बच्चों की खराब दिखी, बावजूद इसके आसपास पीने के पानी के लिए कोई व्यवस्था न होने से लोग पानी ढूंढते नजर आए। घटना के लगभग एक घंटे तक पुणे दानापुर गाडी साली चौका में खड़ी रही। जनता एक्सप्रेस, इंटरसिटी एक्सप्रेस समेत कई ट्रेनों को सालीचौका के पहले खड़ा कर दिया गया था।