Saturday, May 18"खबर जो असर करे"

मप्रः बड़गांव में मुख्यमंत्री चौहान के रोड-शो में उमड़ा विशाल जनसमूह

– कदम-कदम पर लोगों में दिखा विशेष उत्साह

भोपाल (Bhopal)। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान (Chief Minister Shivraj Singh Chouhan) ने गुरुवार को कटनी जिले के ग्राम बड़गांव (Village Bargaon, District Katni) में विकास पर्व (Vikas Parv) के दौरान रोड-शो किया, जिसमें विशाल जनसमूह उमड़ा (great crowd gathered)। मुख्यमंत्री चौहान का जनता ने जगह-जगह पर पुष्प-वर्षा और फूल मालाओं से भव्य स्वागत किया। नागरिकों ने घरों की छत, मुंडेर और मंच से पुष्प-वर्षा की। लाड़ली बहनों ने कलश यात्रा निकाली और अपने मुख्यमंत्री भैया को स्मृति-चिन्ह भेंट किया।

रोड-शो में मुख्यमंत्री का संविदा कर्मचारी संघ, अतिथि शिक्षक संघ, स्वच्छताग्राही संगठन, रोजगार सहायक संघ, सरपंच सचिव संघ, सहकारी कर्मचारी संघ, नवीन व्यवसायिक शिक्षा प्रशिक्षण संघ, रानी दुर्गावती बहुउद्देशीय सहकारी समिति, सहित विभिन्न संगठन ने जगह-जगह स्वागत-सत्कार किया। लाड़ली बहनों ने तख्तियों पर “शिवराज भैया का यही कहना, सशक्त बने मध्यप्रदेश की बहना” जैसी सूक्तियाँ प्रदर्शित कीं। बहनों ने उन्हें राखी भी भेंट की।

रोड-शो में प्रदेश के वित्त मंत्री और जिले के प्रभारी मंत्री जगदीश देवड़ा, सांसद वीडी शर्मा, विधायक संजय पाठक, संदीप जयसवाल और प्रणय प्रभात पाण्डेय, अन्य जन-प्रतिनिधि और विशाल जन-समुदाय उपस्थित था।

मुख्यमंत्री ने जनदर्शन के दौरान मन्नूलाल के घर पी चाय
मुख्यमंत्री चौहान ने गुरुवार को बड़गाँव में जनदर्शन के दौरान मन्नूलाल पटेल के घर स्वल्पाहार किया और चाय पी। लौकी से बना स्थानीय लोकप्रिय व्यंजन लउबरा और गुड़ का गुलगुला भी खाया। मन्नूलाल की छोटी बहू सावित्री बाई द्वारा बनाई गई चाय पीकर मुख्यमंत्री ने कहा कि “बडी स्वादिष्ट चाय बनाई है बेटी ने।” इस दौरान मुख्यमंत्री ने परिवार के बच्चों को लाड़, प्यार और दुलार भी किया।

मुख्यमंत्री का स्थानीय लोगों ने गोदाना टैंक को गहरा करवाने की ओर भी ध्यान आकृष्ट कराया। मुख्यमंत्री चौहान ने बताया कि क्षेत्र के लिए सिंचाई से संबंधित दो कार्य प्राथमिकता से कराए जा रहे हैं, पहला नहरों को पक्का करना और दूसरा नर्मदा के पानी को गाँवों तक पहुँचाने, जिसके टेंडर जारी हो चुके हैं। क्षेत्र में जल्द ही नर्मदा का पानी पहुँचेगा। नर्मदा के पानी से क्षेत्र के 166 गाँवों की 80 हजार एकड़ से अधिक भूमि पर सिंचाई होगी।