Sunday, May 19"खबर जो असर करे"

मप्रः कई जिलों में हुई झमाझम बारिश, जबलपुर में गिरे ओले

भोपाल (Bhopal)। मध्य प्रदेश (Madhya Pradesh) में बीते कुछ दिनों से बेमौसम बारिश (unseasonal rain) का दौर जारी है। शनिवार को भी राजधानी भोपाल, छिंदवाड़ा समेत प्रदेश के कई इलाकों में जोरदार बारिश हुई, जबकि जबलपुर में दोपहर बाद तेज हवाओं के साथ ओले गिरे (hail fell with strong winds)। रीवा और सागर में बादल छाए हुए हैं और हल्ली बारिश भी हो रही है। वहीं, खंडवा में शुक्रवार की रात हुई भारी बारिश के कारण फसलों को काफी नुकसान पहुंचा।

राजधानी भोपाल में शनिवार को सुबह से बादल छाए रहे, लेकिन दोपहर बाद अचानक बूंदाबांदी शुरू हो गई। कई इलाकों में इस दौरान रिमझिम, तो कहीं तेज बारिश भी हुई। देर शाम तक यह सिलसिला जारी रहा। इसी तरह छिंदवाड़ा में भी दोपहर बाद गरज-चमक के साथ जोरदार बारिश हुई। प्रदेश के अन्य शहरों को भी यही हाल रहा। जबलपुर के पाटन, बेलखेड़ा में दोपहर बाद ओलावृष्टि हुई। इससे खेतों में खड़ी फसल खराब हो गई। बारिश के कारण गेहूं, उड़द और मूंग की फसल खराब हुई है। वहीं, आंधी-बारिश के कारण पाटन-कटंगी रोड पर पेड़ गिर गया। इसके कारण रास्ता बंद हो गया।

दरअसल, मध्य प्रदेश में बीते एक सप्ताह से कई इलाकों में लगातार बारिश हो रही है। शुक्रवार को भी भोपाल, बुरहानपुर, खरगोन, सीहोर, उज्जैन, बैतूल समेत कई जिलों में बारिश के साथ ओले गिरे थे। सीहोर जिले में तो इतनी ओलावृष्टि हुई कि ओलों को फावड़े से समेटने की नौबत आ गई। मलाजखंड और खरगोन में पिछले 24 घंटे में एक इंच से ज्यादा बारिश रिकॉर्ड हुई है। भोपाल में तो शुक्रवार को रातभर रिमझिम बारिश होती रही। हालांकि, शनिवार को सुबह मौसम खुल गया, लेकिन दोपहर बाद फिर तेज हवाओं के साथ बारिश का सिलिसला शुरू हो गया। राज्य के कई जिलों में शनिवार को लगातार दूसरे दिन तेज बारिश हुई।

मौसम विभाग के मुताबिक मध्यप्रदेश में 4 मई तक मौसम का मिजाज बदला हुआ रहेगा। इस दौरान कई इलाकों में 60 से 65 किमी प्रतिघंटा की गति से आंधी चलेगी, ओले गिरेंगे और तेज बारिश भी होगी। अगले दो दिन पूरे प्रदेश में ही बारिश का सिस्टम एक्टिव रहेगा। मौसम वैज्ञानिकों ने आकाशीय बिजली गिरने का भी अनुमान जताया है। इसके लिए एडवाइजरी भी जारी की है।

भोपाल मौसम केन्द्र के वरिष्ठ विशेषज्ञ एचएस पांडे ने बताया कि इन दिनों पूरे प्रदेश में ही बारिश हो रही है। इसकी मुख्य वजह उत्तर भारत में दो वेस्टर्न डिस्टर्बेंस एक्टिव होना है, जो काफी मजबूत है। इसके साथ चक्रवात का असर भी है। एक मई से एक और पश्चिमी विक्षोभ एक्टिव हो रहा है। इससे 3-4 दिन मौसम बदला रहेगा।