Saturday, May 18"खबर जो असर करे"

धारः भोजशाला में एएसआई सर्वे का 44वां दिन, पश्चिम-दक्षिण कोने में नए स्थान पर खुदाई शुरू

– अरबी के विशेषज्ञों ने दरगाह परिसर में शिलालेख की लिखावट को पेपर रोल पर उकेरा

भोपाल (Bhopal)। मध्य प्रदेश उच्च न्यायालय (Madhya Pradesh High Court) की इंदौर खंडपीठ (Indore Bench) के आदेश पर धार की ऐतिहासिक भोजशाला (historical Bhojshala of Dhar) में भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (एएसआई) विभाग (Archaeological Survey of India (ASI) Department) का सर्वे (Survey) शनिवार को 44वें दिन भी जारी रहा। एएसआई के 24 अधिकारियों की टीम 36 श्रमिकों के साथ सुबह आठ बजे भोजशाला परिसर में पहुंची और शाम पांच बजे बाहर आई। यहां टीम ने आधुनिक उपकरणों के जरिए वैज्ञानिक पद्धति से करीब नौ घंटे काम किया। सर्वे टीम के साथ हिंदू पक्ष के गोपाल शर्मा, आशीष गोयल और मुस्लिम पक्ष के अब्दुल समद खान भी मौजूद रहे।

एएसआई की टीम ने सर्वे के 44वें दिन भोजशाला के भीतरी क्षेत्र में मिट्टी हटाने का काम किया। अधिकारियों की संख्या बढ़ने सर्वें के काम में तेजी आई। भोजशाला के पीछे खेत में छह स्थानों का खुदाई के लिए चयन किया गया था, उनमें से दो जगह छह फीट तक खुदाई हो चुकी है, जबकि पश्चिम व दक्षिण कोने में एक नए स्थान पर भी शनिवार को खुदाई शुरू की गई।

बतादें कि एक दिन पहले सर्वे टीम के साथ अरबी भाषा पढ़ने वाले कुछ सदस्य टीम से जुड़े थे। शनिवार को कमाल मौलाना दरगाह परिसर में भी टीम में शामिल अरबी भाषा के विशेषज्ञों ने शिलालेख की लिखावट को पेपर रोल पर उकेरा। जिसे उर्दू, अरबी और फारसी भाषा के विशेषज्ञ पड़कर समझकर उसका ट्रांसलेट किया है। इन्हें पढ़ने का कार्य रविवार को किया जा सकता है।

सर्वे टीम के साथ मौजूद रहे हिंदू पक्षकार गोपाल शर्मा ने बताया कि आज भोजशाला परिसर के अंदर और बाहर एएसआई की टीम ने सर्वे किया है। भोजशाला के दक्षिण में दीवार बनाने के काम में तेजी आई है। यहां पहले से भोजशाला की सुरक्षा के लिए कांक्रीट की एक दीवार बनाई जा रही है। इसका कार्य सर्वे के पहले से चल रहा है। आज कुछ विशेष अवशेष नहीं मिले हैं। पश्चिम क्षेत्र में जो नई ट्रेंच चालू की थी, उसमें खुदाई जारी रही। उत्तर और दक्षिण क्षेत्र में खुदाई और क्लीनिंग का कार्य किया गया। इसके साथ ही फोटोग्राफी और वीडियोग्राफी भी हुई है।

उल्लेखनीय है कि सर्वे में एएसआई की ओर से जल्द ही नई मशीनों का उपयोग भी होगा। अब तक टीम ने थियोडोलाइट मशीन का इस्तेमाल कर मुख्य परिसर के प्रत्येक अक्ष के कोण आदि को मापा है। अब जीपीएस (ग्लोबल पोजिशनिंग सिस्टम) और जीपीआर सर्वे की तैयारी है। सर्वे में जहां-जहां मशीनों का प्रयोग किया जाना है, उसके लिए जियोलाजिकल सर्वे आफ इंडिया के विशेषज्ञ बुलाए गए हैं। मशीनों के साथ उनके पहुंचते ही कार्य शुरू होगा।