
कालातीत सत्य का शोध करती है भारतीय ज्ञान परंपरा : आचार्य श्री मिथिलेश नन्दिनीशरण
भोपाल। दत्तोपन्त ठेंगड़ी शोध संस्थान द्वारा उच्च शिक्षा मध्यप्रदेश शासन, राष्ट्रीय तकनीकी शिक्षक प्रशिक्षण एवं अनुसंधान संस्थान तथा म.प्र. विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी परिषद के सहयोग से आयोजित तीन दिवसीय राष्ट्रीय शोधार्थी समागम-2025 का समापन दिनांक 3 मार्च को हुआ।
समापन सत्र में प्रखर चिंतक, आचार्य मिथिलेश नन्दिनीशरण महाराज ने शोधार्थियों से आह्वान किया कि वे भारतीय ज्ञान परंपरा का अनुसरण करने के लिए शोध में भारतीयता का स्थापित करें। उन्होंने कहा की हनुमान जी लंका में माता जानकी की खोज के लिए गए। इसके पूर्व उन्होंने माता जानकी को नहीं देखा था। उन्होंने इस आधार पर माता को पहचाना कि जैसे सीता के विरह में राम व्याकुल हैं वैसे ही सीता भी व्याकुल होना चाहिए। शोधार्थी को भी यह ध्यान रखना चाहिए कि सीता को खोजते-खोजते मंदोदरी को न खोज ले।
श्री नन्दिनीशरण महाराज आज मेपकॉस्ट परिसर में दत्तोपंत ठेंगड़...