Wednesday, April 30"खबर जो असर करे"

भवाली सेनेटोरियम में ‘रियल सुपर स्पेशियलिटी अस्पताल’ बनाने का दिया सुझाव

हैनैनीताल । नैनीताल में कुल तीन अस्पताल हैं जिनमें एक मल्टी स्पेशियलिटी स्तर का है। यह जानकारी सोमवार को नैनीताल की चिकित्सा सुविधाओं में कमी होने के विषय पर जब हाई कोर्ट के समक्ष आई तो मुख्य न्यायाधीश ने इस पर आश्चर्य जताया। चर्चा आगे बढ़ने पर उन्होंने भवाली सेनेटोरियम में एक आधुनिक, विशाल और ‘रियल सुपर स्पेशियलिटी अस्पताल’ बनाए जाने का सुझाव दिया जिसमें अस्पताल, चिकित्सकों के आवास, पार्किंग और अन्य सुविधाएं हों।

मामले की सुनवाई मुख्य न्यायाधीश जी नरेंद्र और जस्टिस आलोक मेहरा के समक्ष हुई। सुनवाई के दौरान नैनीताल में चिकित्सा सुविधाओं की कमी और इसके अस्पताल के रेफरल अस्पताल बनकर रह जाने की शिकायत मुख्य न्यायाधीश से की गई। उन्होंने जानना चाहा कि यहां उपलब्ध सुविधाएं क्या हैं। उन्हें बताया गया कि पूर्व में हाई कोर्ट ने भवाली सेनेटोरियम वाली जगह में मल्टी स्पेशियलिटी अस्पताल बनाने के आदेश दिए थे। इससे संबंधित मामले में प्रदेश सरकार सुप्रीम कोर्ट चली गई थी।
सुप्रीम कोर्ट ने मामले में समग्र रूप से निर्णय लेने को कहा था। हाई कोर्ट को बताया गया कि सुप्रीम कोर्ट में सरकार ने कहा था कि नैनीताल में तीन अस्पताल हैं। मुख्य न्यायाधीश के पूछने पर बताया गया कि इनमें एक बीडी पांडे पुरुष, दूसरा उसी बिल्डिंग में स्थित बीडी पांडे महिला चिकित्सालय और तीसरा रैमजे अस्पताल है। चर्चा में पता चला कि बीडी पांडे पुरुष एवं महिला अस्पताल एक तरह से एक ही अस्पताल है जिसे सुप्रीम कोर्ट के समक्ष दो अस्पताल की तरह प्रस्तुत किया गया।

मुख्य न्यायाधीश ने इस पर कटाक्ष भी किया। उन्होंने यह भी कहा कि रैमजे अस्पताल में तो मात्र एक ही चिकित्सक है। मुख्य न्यायाधीश ने पूछा कि ऑपरेशन थिएटर कितने हैं तो बताया गया कि कुल दो हैं। न्यायाधीश ने कहा कि तीन अस्पतालों में दो थिएटर और एक अस्पताल में मात्र एक चिकित्सक ये कैसी चिकित्सा सुविधा है। उन्होंने चिकित्सालयों में तैनात चिकित्सकों और विभी उपकरणों की सूची कोर्ट में प्रस्तुत करने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि नैनीताल में यातायात संबंधी बहुत समस्याएं हैं। ऐसे में भवाली में आधुनिक चिकित्सालय बनने से नैनीताल सहित पहाड़ी क्षेत्रों को भी लाभ मिल सकता है। (हि.स.)