
नीमच/ उज्जैन। केंद्रीय रिज़र्व पुलिस बल (CRPF) ने अपनी 86वीं स्थापना दिवस परेड का आयोजन मध्य प्रदेश के नीमच स्थित ग्रुप सेंटर में पूरे सम्मान और उत्साह के साथ किया। यह ऐतिहासिक स्थल, जहां बल की नींव रखी गई थी, एक बार फिर राष्ट्र के प्रति सीआरपीएफ की सेवा, शौर्य और समर्पण की प्रेरणादायी गाथा का साक्षी बना।
इस अवसर पर माननीय केंद्रीय गृह एवं सहकारिता मंत्री अमित शाह मुख्य अतिथि के रूप में शामिल हुए। माननीय मंत्री जी का स्वागत सीआरपीएफ के महानिदेशक श्री ज्ञानेंद्र प्रताप सिंह द्वारा किया गया। परेड से पूर्व, श्री अमित शाह ने ग्रुप सेंटर परिसर स्थित शहीद स्थल पर माल्यार्पण कर राष्ट्र के लिए सर्वोच्च बलिदान देने वाले वीर सपूतों को श्रद्धांजलि अर्पित की। अपने संबोधन में माननीय गृह एवं सहकारिता मंत्री ने देश की आंतरिक सुरक्षा में सीआरपीएफ के कार्मिकों के अदम्य साहस एवं समर्पण की सराहना की। उन्होंने बल की आतंकवाद और उग्रवाद विरोधी अभियानों, शांति स्थापना के कार्यों और अन्य महत्वपूर्ण दायित्वों में निभाई गई भूमिका को रेखांकित करते हुए कहा, “जहां सीआरपीएफ है, वहां चिंता की कोई बात नहीं।” सी आर पी एफ देश मे ही नही वरन पूरी दुनिया का सबसे बड़ा अर्ध सैनिक बल है, हम सबके सहयोग से देश मे से 2026 तक नक्सलवाद पूरी तरह खत्म कर देंगे। केंद्रीय गृह मंत्री ने कहा की देश 2047 तक विश्व मे सर्वोच्च बनने की राह पर आगे बढ़ रहा है। इसमें अमर शहीदों के परिवारों का भी योगदान याद रखा जायेगा
इस अवसर पर मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव भी विशेष रूप से उपस्थित रहे। केंद्रीय गृह मंत्री द्वारा परेड की सलामी ली गई जिसमें सीआरपीएफ की आठ टुकड़ियों ने हिस्सा लिया। उन्होंने वीरता पदकों के लिए चयनित जवानों को सम्मानित किया तथा सराहनीय व विशिष्ट सेवा के लिए अन्य कर्मियों को भी पुरस्कृत किया।
कार्यक्रम में कोबरा, आरएएफ, वैली क्यूएटी और डॉग स्क्वॉड जैसी विशेष इकाइयों द्वारा प्रभावशाली प्रदर्शन भी प्रस्तुत किए गए। 86वीं सीआरपीएफ दिवस परेड इस वर्ष 17 अप्रैल को विस्तारित समारोहों के अन्तर्गत आयोजित की गई। सामान्यतः सीआरपीएफ दिवस प्रतिवर्ष 19 मार्च को मनाया जाता है, क्योंकि 1950 में इसी दिन भारत के पहले गृहमंत्री सरदार वल्लभभाई पटेल ने बल को ध्वज प्रदान किया था। इस वर्ष नीमच में आयोजन का विशेष महत्व इसलिए भी है क्योंकि यहीं 27 जुलाई 1939 को ब्रिटिश शासन के दौरान ‘क्राउन रिप्रेजेंटेटिव पुलिस’ की स्थापना हुई थी। स्वतंत्रता के बाद, 28 दिसंबर 1949 को सरदार पटेल ने इसे “केंद्रीय रिज़र्व पुलिस बल (सीआरपीएफ)” नाम दिया।
आज सीआरपीएफ देश की आंतरिक सुरक्षा का मजबूत स्तंभ है—हर चुनौतीपूर्ण मोर्चे पर अग्रिम पंक्ति में डटे रहकर, “सेवा और निष्ठा” के अपने मूलमंत्र को चरितार्थ कर रहा है।