Wednesday, May 14News That Matters

.तो क्या ‘ऑपरेशन सिंदूर’ के प्रतिरक्षात्मक मायने को समझ पाएगी ‘आतंकी दुनिया’? या फिर…..!

@ कमलेश पांडेय/वरिष्ठ पत्रकार व राजनीतिक विश्लेषक
पहलगाम ‘सांप्रदायिक’ आतंकी हमले के बाद भारत ने अपने पड़ोसी शत्रु देश पाकिस्तान के ऊपर आरोप लगाते हुए वहां स्थित 9 आतंकी ठिकानों पर अपने इंडियन आर्मी के तीनों धड़ों के एक संयुक्त अभियान के मार्फ़त जो ताबड़तोड़ एयर स्ट्राइक किए हैं, वह भारतीय स्वाभिमान की रक्षा की दिशा में उठाया हुआ एक उचित कदम है। उम्मीद है कि मोदी सरकार अब इस सिलसिले को थमने नहीं देगी, खासकर तबतक जबतक कि आतंकियों का समूल रूप से नाश नहीं हो जाए। यह ठीक है कि इस हमले में भी दर्जनों आतंकी मारे गए हैं और आतंकी सरगना हाफिज सईद के परिजन भी थोक भाव में मारे गए हैं। यह सुकून की बात इसलिए है कि इस आतताई को जैसी करनी वैसा फल मिल गया है। जो कोर कसर बच गई है, वो भी जल्दी पूरे हो जाएगी।
वहीं, एक भरोसेमंद अधिकारी ने बताया है कि पीएम आवास से पीएम मोदी पूरा ऑपरेशन देख रहे थे। ऑपरेशन सिंदूर पर पीएम मोदी की नजर थी। जबकि, एहतियाती तौर पर भारत सरकार ने अपने देश को इंडियन एयरफोर्स के सहारे हाई अलर्ट मोड पर रखे हुए है, ताकि पाकिस्तान के किसी भी दुस्साहस का जवाब दिया जा सके। हमारा स्पष्ट मानना है कि भारत के इस पलटवार के प्रतिरक्षात्मक मायने को न केवल पाकिस्तान, पूर्वी पाकिस्तान यानी बंगलादेश और चीन को समझना चाहिए, बल्कि वर्ल्ड इस्लामिक काउंसिल (ओआईसी) और उनके आका पश्चिमी देशों को भी यह समझना चाहिए कि भारतीय जनभावनाओं की शांति के लिए ऐसा निर्णायक कदम उठाना भारत सरकार के लिए कितना जरूरी था।
……और हां, इंडियन आर्मी या एयरफोर्स या नेवी ने या फिर उनकी संयुक्त कमान ने पाकिस्तान की सरजमीं पर घुसकर ऐसा निर्णायक प्रहार कोई पहली बार नहीं किया है, बल्कि उरी आतंकी हमले और पुलवामा आतंकी हमले के बाद भी भारतीय सेनाएं ऐसा कर चुकी हैं। इससे उम्मीद बंधती है कि भारतीय सेना उचित समय पर पाकिस्तान का सही इलाज करना जानती है और उसकी राह में कोई भी अंतरराष्ट्रीय दबाव काम नहीं आता है। इसबार भी लगभग यही नजर आया।
ताजा सैन्य कार्रवाई की खास बात यह है कि भारतीय सेना ने सिर्फ पाकिस्तान स्थित आतंकी ठिकानों को ही निशाना बनाया है और वहां के किसी भी सरकारी बिल्डिंग या फिर पाकिस्तान के किसी नागरिक को निशाना नहीं बनाया गया है, जो भारत की शांतिप्रियता और आतंकवाद के खिलाफ शून्य सहिष्णुता की नीति को दर्शाता है। चूंकि भारत ने एक बार फिर से पाकिस्तान में मौजूद आतंकी ठिकानों पर जोरदार एयर और मिलिट्री स्ट्राइक की है, जिसे ‘ऑपरेशन सिंदूर’ का नाम दिया गया है। लिहाजा इसके ऐतिहासिक और सांस्कृतिक मायने भी स्पष्ट हैं।
बता दें कि भारतीय संस्कृति में सिंदूर का विशेष महत्व है और इसकी लाज रखने के लिए भारतीय शूरवीरों और उनकी पटरानियों ने या फिर आम आदमी ने भी एक बार नहीं बल्कि बार-बार निर्णायक कदम उठाए हैं। जिनका पूरा वृत्तांत हमारी लोकगाथाओं में दर्ज है। समझा जाता है कि हिंदूवादी भारत सरकार ने उनसे प्रेरणा ली और करारा कार्रवाई करने से भी नहीं हिचकिचाई। वैसे तो आजाद भारत में 1947 से शुरू हुए सांप्रदायिक दंगों और आतंकी या फियादीन हमलों में अपनी सुहाग यानी सिंदूर गंवाने वाली महिलाओं की संख्या अब लाखों में पहुंच चुकी है। इस लिहाज से बदला लेने की जो निर्णायक कार्रवाई अब शुरू की गई है, वह थमनी नहीं चाहिए। यही देशवासियों की अपेक्षा है।
बताया जाता है कि इस ताजातरीन ‘ऑपरेशन सिंदूर’ के तहत पाकिस्तान के 9 आतंकी ठिकानों पर जो स्ट्राइक की गई है, उसकी सबसे पहले जानकारी रक्षा मंत्रालय ने ही दी है, जिसमें बताया गया है कि भारतीय सेना ने पाकिस्तान स्थित आतंकी ठिकानों को ही निशाना बनाया है। इस क्रम में वहां के किसी भी सरकारी बिल्डिंग या फिर पाकिस्तान के किसी नागरिक को निशाना नहीं बनाया गया है। बल्कि भारतीय सेना ने स्पष्ट कहा है कि हमने पहले भी ऐलान किया था कि पहलगाम आतंकी हमले के जिम्मेदार लोगों को जवाबदेह ठहराया जाएगा और अब हम इस प्रतिबद्धता पर खरे उतर रहे हैं। इससे हम समझ सकते हैं कि यहां देर आयद, दुरुस्त आयद की कहावत एक बार फिर से चरितार्थ की गई है।
बकौल रक्षा मंत्रालय, “कुल मिलाकर, 9 स्थलों को निशाना बनाया गया है। हमारी कार्रवाई केंद्रित, मापी गई और प्रकृति में गैर-उग्र रही है। किसी भी पाकिस्तानी सैन्य सुविधा को निशाना नहीं बनाया गया है। भारत ने लक्ष्यों के चयन और निष्पादन के तरीके में काफी संयम दिखाया है। ये कदम पहलगाम में हुए बर्बर आतंकवादी हमले के मद्देनजर उठाए गए हैं जिसमें 25 भारतीयों और एक नेपाली नागरिक की हत्या कर दी गई थी। हम इस प्रतिबद्धता पर खरे उतर रहे हैं कि इस हमले के लिए जिम्मेदार लोगों को जवाबदेह ठहराया जाएगा।”
विश्वस्त अधिकारियों के अनुसार, भारतीय सेना द्वारा सफलतापूर्वक निशाना बनाए गए 9 ठिकानों में से चार पाकिस्तान में और पांच पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर में हैं। पाकिस्तान में स्थित ठिकानों में बहावलपुर, मुरीदके और सियालकोट शामिल हैं। जहां पर मौजूद आतंकी शिविरों को निशाना बनाने के लिए विशेष सटीक हथियारों का इस्तेमाल किया गया। तीनों सेनाओं ने संयुक्त रूप से इस ऑपरेशन को अंजाम दिया। वहीं, रक्षा विशेषज्ञ प्रफुल बख्शी ने कहा है कि, “भारत ने ऐसा किया है। नौ जगहों को निशाना बनाया गया है। यह हवाई और तोपखाने से किया गया मिलाजुला हमला है। पाकिस्तान जवाबी कार्रवाई करेगा और वे भी कहानियां बनाना शुरू कर देंगे। हमें एक बात याद रखनी चाहिए- पीओके पर कब्जा करने के लिए हमला ही एकमात्र उपाय नहीं है, हमें धीरे-धीरे इस पर कब्जा करना शुरू करना होगा। पीओके हमारा है और हम इसे लेंगे।”
उधर, पाकिस्तान की सेना ने भी भारत की एयर स्ट्राइक को स्वीकार कर लिया है। उसने कहा है कि इस एयर स्ट्राइक में आठ लोगों की मौत हुई जबकि 33 लोग घायल हैं। पाकिस्तान के 6 ठिकानों पर 24 मिसाइल अटैक हुए हैं। हालांकि आपको स्पष्ट कर दें कि भारतीय सेना ने कहा है कि यह सभी ठिकाने आतंकियों के थे और उनको ही नुकसान पहुंचाया गया है। जहां बहावलपुर में जैश-ए-मोहम्मद के ठिकानों पर एयर स्ट्राइक की गई है। यहां पर जैश ए मोहम्मद का मुख्यालय है। वहीं मुरीदके में लश्कर के ठिकानों को निशाना बनाया गया है। वहीं, श्रीनगर एयरपोर्ट के डायरेक्टर ने बताया है कि आज एयरफील्ड को बंद कर दिया गया है। वहीं कोई भी सिविल फ्लाइट श्रीनगर एयरपोर्ट से ऑपरेट नहीं होगी।
वहीं, भारतीय सेना के ऑपरेशन सिंदूर शुरू होने के बाद बुधवार सुबह 11 बजे सीसीएस की बैठक बुलाई गई है। इस बैठक में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी शामिल हुए और पूरे ऑपरेशन की विस्तृत जानकारी ली। इससे पहले
भारतीय सेना की एयर स्ट्राइक के बाद सेना अब सुबह 10 बजे प्रेस कॉन्फ्रेंस हुई। जिसमें बताया गया है कि भारतीय सेना ने ऑपरेशन सिंदूर शुरू कर दिया है। उधर, पाकिस्तान में 48 घंटे के लिए लाहौर और सियालकोट एयरपोर्ट को बंद कर दिया गया है। पाक ने माना है कि पांच ठिकानों पर हमले किए गए हैं। सूत्रों के अनुसार भारतीय सेना ने रात करीब 1:30 बजे एयर स्ट्राइक की है और 1:44 पर इसकी जानकारी देशवासियों को दी गई है। उधर, पाकिस्तान में मस्जिदों से नागरिकों को घरों के अंदर रहने की चेतावनी दी गई है। ऑपरेशन के बाद पाकिस्तान डरा हुआ है।
भारत की ओर से ‘ऑपरेशन सिंदूर’ के तहत पाक अधिकृत जम्मू कश्मीर में आतंकी शिविरों पर हमला करने के कुछ घंटों बाद पाकिस्तान ने संघर्ष विराम का उल्लंघन किया गया, जिसका सेना ने उचित जवाब दिया है। भारतीय सेना ने ट्वीट करते हुए लिखा, “पाकिस्तान ने पुंछ-राजौरी क्षेत्र के भीमबेर गली में तोपखाने से गोलीबारी करके एक बार फिर संघर्ष विराम समझौते का उल्लंघन किया है। भारतीय सेना उचित तरीके से जवाब दे रही है।” वहीं, रक्षा अधिकारी का बयान आया है कि “किसी भी स्थिति से निपटने के लिए भारत-पाकिस्तान सीमा पर सभी वायु रक्षा इकाइयों को सक्रिय कर दिया गया है।” जो सही और सटीक रणनीति का तकाजा है।
अब भारत ने भी अपने आक्रामक इरादे से दुनिया को बता दिया है कि वह किसी परमाणु बम से डरने वाला नहीं है और किसी भी भारतीय पर हमला करने और करवाने का अंजाम और भी ज्यादा बुरा हो सकता है। भारत की गुटनिरपेक्षता स्वावलंबी है और भारत के दुश्मनों को घुटनों के बल खड़ा करने में सक्षम भी। लोग चाहते हैं कि आतंकवाद और उसके सहयोगी हाथ- नक्सलवाद और अंडरवर्ल्ड का जल्द से जल्द रणनीतिपूर्वक खात्मा किया जाए, ताकि देशवासी निर्भीकता पूर्वक अपना जीवन यापन कर सकें।
उधर, संयुक्त राष्ट्र महासचिव एंटोनियो गुटेरेस ने भारत और पाकिस्तान से अधिकतम सैन्य संयम बरतने का आह्वान किया है। वहीं, रॉयटर्स की एक रिपोर्ट के अनुसार ऑपरेशन सिंदूर पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने कहा है कि, “यह शर्मनाक है। हमने ओवल के दरवाज़े से अंदर जाते वक्त इसके बारे में सुना। मुझे लगता है कि लोगों को अतीत के आधार पर पता था कि कुछ होने वाला है। वे लंबे समय से लड़ रहे हैं। अगर आप इसके बारे में सोचें तो वे कई दशकों और सदियों से लड़ रहे हैं। मुझे उम्मीद है कि यह बहुत जल्दी खत्म हो जाएगा।”
वहीं, ऑपरेशन सिंदूर पर अमेरिकी कांग्रेस सदस्य थानेदार ने कहा है कि, “युद्ध कभी समाधान नहीं होता, लेकिन जब इस तरह की आतंकवादी घटनाएं होती हैं, तो यह महत्वपूर्ण है कि आतंकवादियों को ढूंढा जाए, उन्हें दंडित किया जाए। यह महत्वपूर्ण है कि आतंकवाद का समर्थन करने वाला कोई भी देश देखे कि ऐसी कार्रवाइयों के परिणाम होंगे और अमेरिका को शांतिपूर्ण देशों, लोकतंत्रों के पीछे खड़ा होना चाहिए। अमेरिका और भारत को दुनिया भर में आतंकवाद के खिलाफ लड़ने के लिए सहयोग करना चाहिए।”
अमेरिका में भारतीय दूतावास ने कहा, “भारत की कार्रवाई केंद्रित और सटीक रही है। वे जिम्मेदार और प्रकृति में गैर-उग्रवादी थे। किसी भी पाकिस्तानी नागरिक, आर्थिक या सैन्य ठिकानों को निशाना नहीं बनाया गया। केवल आतंकी शिविरों को ही निशाना बनाया गया। हमलों के तुरंत बाद, एनएसए अजीत डोभाल ने अमेरिकी एनएसए और विदेश मंत्री मार्को रुबियो से बात की और उन्हें की गई कार्रवाई के बारे में जानकारी दी।”
वहीं, एएनआई ने बताया कि, “ऑपरेशन सिंदूर के तहत पाकिस्तान और पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर में कई ठिकानों पर हमले भारतीय सेना और वायु सेना द्वारा सटीक हमला करने वाले हथियारों का इस्तेमाल करके एक संयुक्त अभियान था।”